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आइटीआइ स्कूलों में बहाली को लेकर श्रम सचिव से मांगा जवाब

रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य के आइटीआइ स्कूलों में रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने कनीय पदाधिकारी द्वारा शपथ पत्र दाखिल पर कड़ी नाराजगी जताई और मौखिक रूप से कहा कि अदालत के आदेश को हल्के में न लिया जाए। इसके बाद अदालत ने श्रम सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 04:18 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:13 AM (IST)
आइटीआइ स्कूलों में बहाली को लेकर श्रम सचिव से मांगा जवाब
आइटीआइ स्कूलों में बहाली को लेकर श्रम सचिव से मांगा जवाब

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य के आइटीआइ स्कूलों में रिक्त पदों पर बहाली नहीं होने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने कनीय पदाधिकारी द्वारा शपथ पत्र दाखिल पर कड़ी नाराजगी जताई और मौखिक रूप से कहा कि अदालत के आदेश को हल्के में न लिया जाए। इसके बाद अदालत ने श्रम सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी। इस संबंध में डॉ. भीम प्रभाकर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर सभी जिलों पर आइटीआइ स्कूल के लिए भवन तो बना दिए हैं, लेकिन अभी तक वहां पर न तो प्राचार्य की नियुक्ति की हुई है और न ही इंस्ट्रक्टर ही बहाल हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1077 में से 326 इंस्ट्रक्टर की बहाली हुई हैं। उनकी ओर से यह भी मुद्दा उठाया गया कि इस मामले में जब मुख्य सचिव व श्रम सचिव सहित अन्य को प्रतिवादी बनाया गया, तो उनकी बजाय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हेहल, रांची के प्राचार्य द्वारा शपथ पत्र दाखिल उचित नहीं है। प्राचार्य को न तो सरकार की नीति की जानकारी होगी और न ही ये सक्षम पदाधिकारी हैं। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि अदालत के आदेश को हल्के में नहीं लिया जाए। क्या कनीय पदाधिकारी द्वारा शपथ पत्र दाखिल किया जाना उचित है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में श्रम सचिव को जवाब देने का निर्देश दिया।

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