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टेरर फंडिंग मामले में नक्सली बीरबल गंझू की जमानत पर फैसला सुरक्षित

रांची झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को टेरर फंडिंग के आरोपित नक्सली बीरबल गंझू की जमानत पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 01:20 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 01:20 AM (IST)
टेरर फंडिंग मामले में नक्सली बीरबल गंझू की जमानत पर फैसला सुरक्षित
टेरर फंडिंग मामले में नक्सली बीरबल गंझू की जमानत पर फैसला सुरक्षित

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को टेरर फंडिंग के आरोपित नक्सली बीरबल गंझू की जमानत पर सुनवाई की। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि टंडवा के आम्रपाली व मगध कोयला परियोजना में शांति समिति के जरिए वसूली की जाती थी। उक्त राशि नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) को दी जाती थी। इस मामले की जांच एनआइए कर रही है।

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-------------- हाई कोर्ट का अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाने से इन्कार

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रहने वालों को कोरोना काल में हटाने जाने पर रोक लगाने की मांग वाले मामले में शुक्रवार को किसी प्रकार की राहत देने से इन्कार कर दिया है। अदालत ने इसे जनहित का मामला नहीं माना। इस पर वादी की ओर से याचिका वापस लेने की गुहार लगाई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। इस संबंध में मृत्युंजय कुमार की हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था उनके जैसे अनेकों लोग सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके रहे हैं। कोरोना काल में उन्हें निवास स्थान से हटाया जा रहा है। उनकी ओर से इस पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी।

सुनवाई के दौरान अदालत ने इसे जनहित याचिका नहीं मानते हुए खारिज करने की बात कही। तब वादी की ओर से याचिका वापस लेने का आग्रह किया गया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। अदालत ने कहा कि वादी यदि चाहे तो संबंधित प्राधिकार के पास अपनी बात कह सकते हैं और प्राधिकार नियमानुसार उस पर कार्रवाई करेगा।

-------------- हाई कोर्ट ने वित्तीय अनियमितता मामले में सरकार से मांगा जवाब

रांची : झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को वर्ष 2016 में राज्य स्थापना दिवस के दौरान आयोजित समारोह में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता के मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस संबंध में पंकज कुमार यादव ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि इस आयोजन में वित्तीय अनियमितता हुई है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि साढ़े तीन करोड़ रुपये की टी-शर्ट और 33 लाख रुपये की टॉफी की खरीदारी हुई थी। इसकी आपूíत 13-14 नवंबर 2016 को राज्य सरकार को की गई। दावा किया गया कि 15 नवंबर 2016 तक राज्य के दस हजार स्कूलों में सभी सामग्री बाट दी गई। राजीव कुमार ने कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है, यह सिर्फ कागज पर वितरित किया गया। इसलिए इसकी जाच आवश्यक है।

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