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फांसी को हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला, दोहरे हत्याकांड में हुई थी सजा; जानें पूरा मामला

Jharkhand. हाई कोर्ट ने मनिया उरांव की फांसी की सजा को बदला है। जनवरी 2008 में गुमला जिले के बिशुनपुर के चेड़ा गांव में दो व्यक्तियों की हत्या हुई थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:40 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:40 PM (IST)
फांसी को हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला, दोहरे हत्याकांड में हुई थी सजा; जानें पूरा मामला
फांसी को हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदला, दोहरे हत्याकांड में हुई थी सजा; जानें पूरा मामला

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने दोहरे हत्याकांड में मनिया उरांव की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ ने सोमवार को मनिया उरांव की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है। अदालत ने माना कि इस मामले में जांच सही तरीके नहीं की गई है और हत्या में प्रयुक्त हथियार को निचली अदालत में प्रस्तुत भी नहीं किया गया है।

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सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने अदालत को बताया कि गुमला जिले के बिशुनपुर के चेड़ा गांव में बिरसाई उरांव और रमेश उरांव की कुल्हाड़ी से मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आरोपित मनिया उरांव ने उनके शव को जलाने का प्रयास किया था। हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, जले हुए सामान को अदालत में प्रस्तुत नहीं किया गया है और जांच भी सही तरीके नहीं की गई है। निचली अदालत ने साक्ष्यों पर गौर नहीं किया है। इस पर अदालत ने उसकी फांसी की सजा को बदलते हुए आजीवन कारावास कर दिया।

यह है घटना

बिशुनपुर के चेड़ा गांव में तीस जनवरी 2008 की रात मनिया उरांव के घर बिरसाई उरांव और रमेश उरांव दोनों शराब पीने पहुंचे थे। आपस में किसी बात को लेकर झड़प होने के बाद मनिया ने कुल्हाड़ी से मारकर दोनों की हत्या कर दी। इसके बाद उनके शवों को जला दिया। अगली सुबह बिरसाई का भाई मनिया के घर पहुंचा, तो देखा कि उसके घर से धुआं निकल रहा है।

काफी प्रयास के बाद भी मनिया ने जब अपना घर नहीं खोला, तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मनिया के घर से दो अधजले शव बरामद किए। इस मामले में वर्ष 2016 के जून माह में निचली अदालत ने मनिया उरांव को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की गई थी।


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