Move to Jagran APP

रिम्‍स में मरीज के परिजनों से मारपीट पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव को जांच का आदेश

Jharkhand. अदालत ने स्वास्थ्य सचिव को इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। 28 फरवरी को जांच रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 11:01 AM (IST)
रिम्‍स में मरीज के परिजनों से मारपीट पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव को जांच का आदेश
रिम्‍स में मरीज के परिजनों से मारपीट पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, स्‍वास्‍थ्‍य सचिव को जांच का आदेश

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीज के परिजनों के साथ हुए मारपीट के मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट 28 फरवरी तक अदालत में दाखिल करनी है।

loksabha election banner

इसी दिन इस मामले में अगली सुनवाई होगी। अदालत ने अखबार में छपी खबर दिखाते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन से पूछा कि रिम्स में क्या हो रहा है। साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक को अदालत में तुरंत सशरीर हाजिर होने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई दूसरी पाली तक के लिए स्थगित कर दी। सभी पदाधिकारी जब अदालत में उपस्थित हुए तो इस मामले सुनवाई शुरू की गई। अदालत ने अखबार दिखाते हुए कहा कि अदालत रिम्स में इस तरह के हालात को लेकर चिंतित है।

अदालत ने रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक विवेक कश्यप से खबर के बारे में पूछा, तो उनकी ओर से कहा गया कि यह सही नहीं है। अदालत ने कहा कि जब ऐसी घटनाएं होती हैैं तो वरीय चिकित्सक अपने कनीय चिकित्सकों को बचाने का प्रयास करते हैैं, लेकिन यह एक सीमा तक होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि आप कह रहे हैैं कि वहां 30 लोग जमा हो गए, तो सबसे पहले पुलिस को बुलाना चाहिए था।

ऐसा करने की बजाय रिम्स के चिकित्सक और गार्ड डंडा लेकर मारपीट करने लगें तो यह गलत है। अदालत ने पूछा कि क्या इस घटना के बाद आपने कोई जांच का आदेश दिया है। इसपर डॉ. विवेक कश्यप की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं देने पर अदालत ने पूरे मामले की जांच स्वास्थ्य सचिव को सौंप दी।

स्वास्थ्य सचिव व रिम्स निदेशक नहीं पहुंचे कोर्ट

दरअसल, स्वास्थ्य सचिव प्रोजेक्ट भवन में विभागीय बैठक होने के कारण अदालत नहीं पहुंच सके। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिप्टी सचिव अभिषेक कुमार अदालत में उपस्थित हुए। वहीं, रिम्स निदेशक के रांची से बाहर होने की वजह से रिम्स की प्रभारी निदेशक डॉ. मंजू गाड़ी और डॉ. विवेक कश्यप अदालत में हाजिर हुए।

क्या है पूरा मामला

रिम्स के न्यूरो विभाग में रोहित कुमार को रात तीन बजे के करीब भर्ती किया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि रात में कोई चिकित्सक वहां नहीं पहुंचा और इसके चलते इलाज शुरू नहीं हो सका, जिससे उसकी स्थिति बिगड़ गई और अगले दिन मरीज की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मौत होने के बाद मरीज का इलाज प्रारंभ किया गया। इसकी शिकायत पर रोहित के परिजनों के साथ जूनियर डॉक्टर और गॉर्ड ने मारपीट की।

यह भी पढ़ें: मरीज की मौत के बाद लगाया स्लाइन, परिजनों ने पूछा तो कर दी पिटाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.