जज ने एसीबी से पूछा, रिश्वत अधिकारी के नाम पर मांगी गई तो केवल कर्मचारी ही आरोपित क्यों? Dumka News
Dumka Jharkhand News एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़े गए लिपिक इफ्तेखार को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली। दुमका के जिला शिक्षा पदाधिकारी के नाम पर घूस मांगी थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Dumka, Jharkhand High Court News लगातार भ्रष्टाचार के आरोपितों को जेल पहुंचाने वाले एसीबी के अधिकारी शनिवार को झारखंड हाईकोर्ट में जज के एक सवाल का जवाब नहीं दे सके। मौखिक रूप से जज ने एसीबी से पूछा कि एक कर्मचारी जब अधिकारी के नाम पर रिश्वत मांगता है, तो सिर्फ कर्मचारी को ही आरोपित क्यों बनाया गया है। इस मामले में अधिकारी को आरोपित क्यों नहीं बनाया गया।
मौका जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय दुमका के कर्मचारी मो. इफ्तेखार की जमानत याचिका पर सुनवाई का था। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में जज के इस सवाल पर थोड़ी देर के लिए खामोशी छा गई। बाद में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इफ्तेखार को जमानत दे दी। इस मामले में कर्मचारी इफ्तेखार ने एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
जज ने एसीबी के अधिकारी से पूछा कि क्या कर्मचारी इतनी बड़ी रकम मांग किसी से रिश्वत में मांग सकता है। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद इफ्तेखार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। रिश्वत मांगे जाने के इस मामले के सूचक वेस्टर्न इंग्लिश स्कूल शिवपाथर के प्रधानाध्यापक हैं। लॉकडाउन में स्कूल खोलने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा था और नामांकन रोकते हुए स्कूल अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया था।
लिपिक ने प्रधानाध्यापक से कहा था कि पदाधिकारी से आदेश लेने के लिए आपको पांच लाख रुपये बतौर रिश्वत देने होंगे, तभी आदेश मिल पाएगा। प्रधानाध्यापक ने इसकी शिकायत एसीबी से की। इसके बाद एसीबी ने एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए इफ्तेखार को गिरफ्तार किया था।