Jharkhand: मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव सहित आठ कुलपतियों को अदालत में हाजिर होने का निर्देश, जानें पूरा मामला
Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के विवाद को समाप्त किया जाए। अदालत ने सभी को 22 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने विश्वविद्यालय से संबंधित अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए राज्य के आठों विश्वविद्यालयों के कुलपति, मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के विवाद को समाप्त किया जाए। अदालत ने सभी को 22 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है।
दरअसल, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के डाॅ. महादेव रविदास ने रिवाइज पे निर्धारित करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में पूर्व में अदालत ने रिवाइज पे निर्धारित करने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया।
इस पर सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि चार मार्च 2021 को शिक्षा विभाग की ओर से रिवाइज पे निर्धारित करते हुए आदेश विश्वविद्यालय को भेज दिया है। लेकिन विश्वविद्यालय ने इसके लिए पैसे नहीं होने की बात कहते हुए सरकार से पैसे की मांग की है। इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के कई मामले अदालत में आते हैं जिनमें राज्य सरकार और विश्वविद्यालय एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं। अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय और राज्य सरकार के विवाद को समाप्त किया जाए।
अदालत ने इसके बाद मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव और विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची, झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू, रांची विश्वविद्यालय रांची, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका और विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के कुलपतियों को ऑनलाइन हाजिर होने का निर्देश दिया।