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Jharkhand HC: झारखंड के शिक्षा सचिव के वेतन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

Jharkhand High Court. प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग करने का आदेश नहीं मानने पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए समय बढ़ाने के लिए आवेदन देने की टिप्‍पणी की।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 07:38 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 02:20 PM (IST)
Jharkhand HC: झारखंड के शिक्षा सचिव के वेतन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
Jharkhand HC: झारखंड के शिक्षा सचिव के वेतन पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court - हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह के वेतन पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई और शिक्षा सचिव के वेतन पर आठ जुलाई तक रोक लगाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सरकार से पूछा है कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। अगर विभाग को अधिक समय की जरूरत थी तो उन्हें अदालत में समय देने के लिए आवेदन देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।

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इस संबंध में शंकर दयाल पांडेय की ओर से अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की अधिवक्ता शिखा भïट्ट ने अदालत को बताया कि मई 2018 में हाई कोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए राज्य सरकार की अपील याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने चार माह में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए सरकार को एक बार और काउंसिलिंग लेने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक काउंसिलिंग नहीं हुई। जिसके बाद अवमानना याचिका दाखिल की गई है।

दरअसल 2012 में सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की बहाली शुरू की। जिसमें टेट व बीएड पास अभ्यर्थी शामिल हो सकते थे। साहेबगंज में पाकुड़ में दस बार काउंसिलिंग के बाद शिक्षकों की नियुक्ति की गई। धनबाद में सीट खाली होने के बाद भी छह राउंड के बाद ही काउंसिलिंग बंद कर दी गई। शंकर दयाल पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एक बार और काउंसिलिंग करने का आदेश दिया। सरकार ने अपील दाखिल की, लेकिन सुनवाई के बाद अदालत ने उसे खारिज कर दिया। 


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