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पूर्व मंत्री एनोस एक्का को बड़ी राहत, झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत Ranchi News

जस्टिस एके गुप्ता और जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने पासपोर्ट जमा करने और झारखंड से बाहर नहीं जाने की शर्त पर पारा शिक्षक मनोज कुमार हत्याकांड में एनोस एक्‍का को जमानत दे दी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 07:05 PM (IST)
पूर्व मंत्री एनोस एक्का को बड़ी राहत, झारखंड हाई कोर्ट ने दी जमानत Ranchi News

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मंत्री एनोस एक्का को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एके गुप्ता व जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने उन्हें गुरुवार को सशर्त जमानत दे दी। अदालत ने जमानत देते हुए एनोस एक्का को अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट की अनुमति के बिना उन्हें झारखंड से बाहर नहीं जाने और गवाहों को किसी प्रकार से प्रभावित नहीं करने का भी आदेश दिया है।

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पूर्व मंत्री एनोस एक्का को पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में निचली अदालत ने तीन जुलाई 2018 को उम्र कैद की सजा सुनाई है। उनकी ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर जमानत देने की गुहार लगाई गई थी। जमानत मिलने के बाद एनोस एक्का के शुक्रवार शाम तक जेल से बाहर निकलने की उम्मीद है।

सुनवाई के दौरान एनोस एक्का के अधिवक्ता अमित सिन्हा ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने नक्सली बारूद गोप और एनोस एक्का के मोबाइल फोन पर हुई बातचीत को आधार बनाते हुए उन्हें सजा सुनाई है। फोन रिकॉर्ड के अनुसार एनोस एक्का पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या की जिम्मेदारी बारूद गोप को अपने ऊपर लेने की बात कह रहे हैं ताकि उनका राजनीतिक करियर बच जाए।

मोबाइल रिकॉर्डिंग की जांच के लिए उसे केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) हैदराबाद भेजा गया, लेकिन सीएफएसएल ने बताया कि उसके पास आवाज रिकॉर्डिंग की जांच करने की सुविधा नहीं है। इसके बाद भी निचली अदालत ने एनोस एक्का को सजा सुना दी। प्रार्थी की दलील का सरकार की ओर से विरोध किया गया। इसके बाद अदालत ने एनोस को जमानत दे दी।

क्या है मामला

वर्ष 2014 में सिमडेगा के पारा शिक्षक मनोज कुमार को उनके स्कूल से अगवा कर लिया गया था। बाद में उसका शव स्कूल के पास से ही बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 26 नवंबर 2014 की रात करीब डेढ़ बजे एनोस एक्का को उनके ठाकुरटोली आवास से गिरफ्तार किया था। आरोप है कि एनोस ने चुनाव के दौरान अपने पक्ष में प्रचार नहीं करने पर पारा शिक्षक को धमकी दी थी और बाद में एनोस ने उग्र्रवादियों के सहयोग से पारा शिक्षक की हत्या करा दी।

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