हाई कोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को नहीं दी गर्भपात की अनुमति, सरकार को स्वास्थ्य सुविधा का खर्च उठाने का निर्देश
Jharkhand High Court News. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि नाबालिग के स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए उसे अच्छे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाय।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग को गर्भपात की अनुमति नहीं दी है। सोमवार को मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को देखते हुए गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि नाबालिग की स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए अच्छे हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया जाय और बच्चा पैदा होने के 6 माह तक सारा खर्च राज्य सरकार उठाए। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि नाबालिग एनीमिक है और गर्भपात कराने से उसकी जान को खतरा है।
बता दें कि नाबालिग पीडि़ता बोकारो के गोमियो की रहने वाली है। दो बच्चों के पिता ने नाबालिग को अपने प्रेम जाल में फंसाया और शादी का भरोसा देकर लगातार शारीरिक संबंध बनाया। इस दौरान नाबालिग गर्भवती हो गई। पेट दर्द और शरीर के उभार के कारण मामला परिवार वालों के सामने आया। इसके बाद परिजनों को आरोपी के बारे में पता चला। परिजनों ने आरोपी से नाबालिग की शादी की बात की लेकिन आरोपी ने शादी से इन्कार कर दिया। इसके बाद पीडि़त परिवार थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया।
मामला पुलिस में आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। नाबालिग के पेट में पल रहे बच्चे और नाबालिग के भविष्य को लेकर उसके पिता ने हाई कोर्ट का रुख किया। इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर एक मेडिकल टीम का गठन किया गया। मेडिकल टीम ने नाबालिग के स्वास्थ्य की जांच की और होने वाले बच्चे से उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कारणों का विश्लेषण किया। मेडिकल टीम की रिपोर्ट के आधार पर आज हाई कोर्ट ने नाबालिग को गर्भपात की अनुमति नहीं दी।
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