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अतिक्रमण करने वाले बाहुबलियों से जमीन मुक्त करा सकता है कोर्ट : चीफ जस्टिस; जानें पूरा मामला

jharkhand high court के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पटना के वेटनरी कॉलेज की जमीन मुक्त कराई थी। जमशेदपुर में आवास बोर्ड की जमीन भी खाली करवाएंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:19 PM (IST)
अतिक्रमण करने वाले बाहुबलियों से जमीन मुक्त करा सकता है कोर्ट : चीफ जस्टिस; जानें पूरा मामला
अतिक्रमण करने वाले बाहुबलियों से जमीन मुक्त करा सकता है कोर्ट : चीफ जस्टिस; जानें पूरा मामला

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में शुक्रवार को जमशेदपुर में आवास बोर्ड की जमीन को लेकर सुनवाई हुई। आवास बोर्ड के अधिवक्ता के जवाब पर चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से कहा कि अदालत बाहुबलियों से भी अतिक्रमण किए गए जमीन को खाली करा सकती है। आवास बोर्ड को उनसे डरना नहीं चाहिए।

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दरअसल, सुनवाई के दौरान आवास बोर्ड के अधिवक्ता एके सिंह ने अदालत को बताया कि जमशेदपुर के आवास बोर्ड की तीन एकड़ जमीन पर स्थानीय लोगों ने पेड़ लगाकर पार्क बना दिया है। लेकिन, उक्त जमीन पर आवास बोर्ड द्वारा घर बनाया जाना है। इसके पास ही कुछ दूर पर पार्क के लिए जमीन छोड़ी गई है। घर बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। इस पर अदालत ने पूछा कि आवास बोर्ड की कितनी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। बताया गया कि आवास बोर्ड की करीब 70 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है।

इस पर अदालत ने पूछा कि इसको खाली करने के लिए बोर्ड ने क्या किया है? कहा गया कि उक्त जमीन को कई बार खाली कराने का प्रयास किया गया, लेकिन बाहुबलियों ने अतिक्रमण को नहीं हटने दिया। इसपर चीफ जस्टिस ने मौखिक रूप से कहा कि बाहुबलियों के कब्जे से जमीन को कोर्ट मुक्त करा सकती है। उन्होंने बताया कि पटना में वेटनरी कॉलेज के क्षेत्र में बाहुबलियों ने जमीन पर कब्जा जमा रखा था, जिसे उन्होंने हटवाया था। आवास बोर्ड को उनसे डरना नहीं चाहिए और कोर्ट के आदेश का सहारा लेकर उसे खाली करना चाहिए।

अदालत ने कहा कि आवास बोर्ड द्वारा दूसरी जगह पर पार्क के लिए जमीन छोड़ी गई है। ऐसे में कहीं पर भी पेड़ लगाकर पार्क नहीं बनाया जा सकता है। यह जमीन आवास बोर्ड की है और इसके इस्तेमाल का हक उन्हें है। इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि रामबल्लभ साहू ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि जमशेदपुर आवास बोर्ड क्षेत्र में एक पार्क पर बोर्ड द्वारा आवास बनाया जा रहा है। वहां के लोग इसका पार्क के रूप में इस्तेमाल करते हैैं। 


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