DGP के आदेश को हाई कोर्ट ने किया रद, कहा- स्टेनो एएसआइ को पुलिस मैनुअल के तहत मिले वरीयता
Jharkhand High Court Ranchi News प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि तत्कालीन डीजीपी ने स्टेनो एएसआइ की वर्ष 2011 से वरीयता सूची बनाने का आदेश दिया था। इसके चलते सभी की वरीयता समान हो गई थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court, Ranchi News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने स्टेनो एएसआइ के वरीयता के संबंध में डीजीपी के आदेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने प्रार्थियों को डीजीपी के यहां दो सप्ताह में आवेदन देने का निर्देश दिया है। वहीं, डीजीपी को हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में इनके आवेदन पर चार सप्ताह में आदेश पारित करने का आदेश दिया है। इस मामले में पूर्व में बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
इस संबंध में शंभू प्रसाद व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि तत्कालीन डीजीपी ने स्टेनो एएसआइ की वर्ष 2011 से वरीयता सूची बनाने का आदेश दिया था। इसके चलते सभी की वरीयता समान हो गई थी और उनकी प्रोन्नति में भी परेशानी हो रही थी। क्योंकि स्टेनो एएसआइ पद पर कई लोग वर्ष 1980, 90, 93 में नियुक्त हुए थे।
पुलिस मैनुअल के नियमानुसार उन्हें सेवा के पांच साल बाद ही जनरल कैडर में लाना था, लेकिन ऐसा न करते हुए वर्ष 2011 से सभी को जनरल कैडर में मानते हुए वरीयता सूची तैयार की गई। इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पूर्व में इस पर बहस पूरी हो गई थी। शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए डीजीपी के आदेश को खारिज कर दिया।