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धनबाद में शराब दुकान के टेंडर पर लगी रोक, झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई रोक

Jharkhand High Court Dhanabd News सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नवीन कुमार ने अदालत को बताया कि धनबाद जिले में शराब की खुदरा बिक्री दुकान के लिए वर्ष 2021-22 का टेंडर निकाला गया है। इसका वार्षिक राजस्व 60 लाख रुपये रखा गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 03:55 PM (IST)
धनबाद में शराब दुकान के टेंडर पर लगी रोक, झारखंड हाई कोर्ट ने लगाई रोक
Jharkhand High Court, Dhanabd News जब तक कमिश्नर का निर्णय नहीं आता है, शराब दुकान के टेंडर पर रोक रहेगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में धनबाद के शराब दुकान के टेंडर के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद इस मामले में प्रार्थी को एक्साइज कमिश्नर के यहां आवेदन देने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि जब तक इस मामले में एक्साइज कमिश्नर फैसला नहीं लेते हैं तब तक टेंडर पर रोक रहेगी। इस संबंध में चंदन कुमार व संदीप जायसवाल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नवीन कुमार ने अदालत को बताया कि धनबाद जिले में शराब की खुदरा बिक्री दुकान के लिए वर्ष 2021-22 का टेंडर निकाला गया है।

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इसमें वार्षिक राजस्व 60 लाख रुपये रखा गया है। जबकि प्रार्थी तीन साल पूर्व से ही वहीं पर शराब की दुकान चला रहा है। इसका वार्षिक राजस्व इससे ज्यादा है। ऐसे में उनको काफी नुकसान हो जाएगा। इस पर अदालत ने प्रार्थी को एक्साइज कमिश्नर के यहां आवेदन देने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद एक्साइज कमिश्नर उचित निर्णय पारित करेंगे। जब तक कमिश्नर का निर्णय नहीं आता है, तब तक शराब दुकान के टेंडर पर रोक रहेगी।

सहायक अभियंता नियुक्ति के विज्ञापन को रद करने के मामले की सुनवाई अब दूसरी बेंच में

झारखंड हाई कोर्ट में सहायक अभियंता नियुक्ति के विज्ञापन को रद करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने इस मामले को दूसरी बेंच में सुनवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया है। सरकार की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द सुनवाई की मांग की गई। इस पर अदालत ने कहा कि जल्द ही यह मामला दूसरी बेंच में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

दरअसल, हाई कोर्ट की एकलपीठ ने जनवरी 2021 में सहायक अभियंता नियुक्ति के विज्ञापन को यह कहते हुए रद कर दिया था कि जब वर्ष 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के दस प्रतिशत आरक्षण देने का प्रविधान किया गया है, तो उन्हें इससे पूर्व की वैकेंसी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने जेपीएससी को संशोधित विज्ञापन जारी कर नियुक्ति करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और जेपीएससी ने हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की है। इस मामले में प्रारंभिक परीक्षा हो चुकी है। 22 जनवरी 2021 को सहायक अभियंता नियुक्ति की मुख्य परीक्षा होने वाली थी, लेकिन अदालत ने ठीक एक दिन पहले विज्ञापन निरस्त कर दिया था।


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