Jharkhand HC ने एसपी से पूछा- आदेश के 5दिन में हुई गिरफ्तारी तो 12 साल से क्या कर रही थी पुलिस
Jharkhand High Court ने मृत्युंजय सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता आरोपित की अपील पर सुनवाई के दौरान धनबाद एसपी की ओर से दाखिल शपथ पत्र पर नाराजगी जताई।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत में मृत्युंजय सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता अवध विश्वकर्मा व बबुआ पांडेय की अपील याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान धनबाद एसपी की ओर से दाखिल शपथ पत्र पर अदालत ने नाराजगी जताई। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर आदेश के पांच दिन बाद ही पुलिस को आरोपित की जानकारी मिल जाती है और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो पिछले 12 साल से पुलिस क्या कर रही थी?
अदालत ने एसपी के शपथ पत्र को आधा-अधूरा बताते हुए कहा कि इस मामले में एसपी नया शपथ पत्र दाखिल कर बताएं कि आरोपित को गिरफ्तार करने में इतने साल क्यों लग गए और ऐसा किस वजह से हुआ। इस मामले में अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी। दरअसल हाई कोर्ट की फटकार के बाद धनबाद पुलिस ने नामजद आरोपित मुकेश चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसपी ने इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को दी। इसका अवलोकन करने के बाद अदालत ने टिप्पणी करते हुए एसपी से आरोपित के 12 साल तक गिरफ्तार नहीं होने का कारण पूछा है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश सिंह ने अदालत में पक्ष रखा।
यह है मामला
धनबाद के गोविंदपुर टोल टैक्स प्लाजा के टेंडर विवाद में 24 मार्च 2007 को मृत्युंजय कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में अवध विश्वकर्मा, बबुआ पांडेय, मुकेश सिंह चौधरी, सोहराब अंसारी, शशि सिंह चौधरी, रविशंकर शर्मा, मुन्ना नवाब व हेमंत यादव पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच के बाद पुलिस ने सात जून 2007 को अवध विश्वकर्मा व बबुआ पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
जबकि बाकी अन्य आरोपितों के खिलाफ जांच जारी होने की बात कहते हुए मामले को लंबित छोड़ दिया। सिविल कोर्ट ने सात मार्च 2011 को अवध विश्वकर्मा व बबुआ पांडेय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिसके खिलाफ इन दोनों हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। 2007 से ही दोनों जेल में बंद हैं।