पत्रकार मनोज हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए तीन भाई बरी, गवाहों के बयान से पलटी सजा; जानें पूरा मामला
Jharkhand High Court वर्ष 2008 में हुई थी पत्रकार मनोज कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने विरोधाभाषी बयान पर भाइयों को बरी किया एक की सुनवाई बाद में होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट ने पलामू के पत्रकार मनोज कुमार हत्याकांड मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए तीन भाइयों को बरी कर दिया। जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि इस मामले में गवाहों के बयान आपस में विरोधाभाषी हैं। इसलिए दोषियों को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने बरी कर दिया। बरी होने वाले में तीन भाई प्रेम सिंह, रानू सिंह और पानू सिंह शामिल हैैं। सजा के बाद तीनों की ओर से हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की गई थी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने अदालत को बताया कि पत्रकार मनोज कुमार की वर्ष 2008 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पीछे की वजह कोई रिपोर्ट छापने का आधार बताया गया। इस मामले में उनके भांजे अमित ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने घटना का चश्मदीद होने की बात कहते हुए कहा कि प्रेम सिंह ने सीने में गोली मारी थी और वहां पर रानू सिंह मौजूद था।
लेकिन, गवाही में कहा कि रानू सिंह ने गोली मारी और प्रेम सिंह वहां मौजूद था। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि मनोज कुमार को पीछे से गोली मारी गई। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि घटना को किसी ने नहीं देखा है। बयान में परस्पर विरोध को देखते हुए अदालत ने तीनों भाइयों को बरी कर दिया। हालांकि, इस मामले में सिर्फ प्रेम सिंह ही जेल में बंद है और रानू और पानू जमानत पर हैैं।
दरअसल, मेदिनीनगर के पत्रकार मनोज कुमार की वर्ष 2008 में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में निचली अदालत ने वर्ष 2011 चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसमें प्रेम सिंह, रानू सिंह, पानू सिंह और विजय शर्मा को सजा मिली है। विजय शर्मा की अपील पर बाद में सुनवाई होगी।