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दहेज बढ़ाने के लिए लोग बनते हैं डॉक्‍टर... जानें यह क्‍या बोल गए झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव

Jharkhand News रांची के नामकुम के आरसीएच स्थित आइपीएच सभागार में स्वास्थ्य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता ने नियुक्ति पत्र का वितरण किया। इस दौरान 43 एमओ 44 एसएमओ और जेपीएससी द्वारा नियुक्त 280 चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 12:58 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 05:37 AM (IST)
दहेज बढ़ाने के लिए लोग बनते हैं डॉक्‍टर... जानें यह क्‍या बोल गए झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव
एक चिकित्‍सक काे नियुक्ति पत्र देते स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता।

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची में बुधवार को चिकित्‍सकों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने ऐसी बात कह दी, जिससे विवाद हो गया है। इसकी चर्चा चारों ओर हो रही है। कुछ लाेग इस बात को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य सचिव पर निशाना साध रहे हैं। कार्यक्रम में डॉक्‍टर नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि कुछ लोग डॉक्‍टरी पेशे में इसलिए आते हैं क्‍योंकि उन्‍हें शादी में दहेज अधिक मिले।

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कहा कि डॉक्‍टरी पेशे में आधे लोग इसलिए आते हैं, ताकि उन्‍हें काम नहीं करना पड़े और आधे लाेग इसलिए डॉक्‍टर बनते हैं, ताकि वे शादी में अपने दहेज का रेट बढ़ा सकें। उन्‍होंने कार्यक्रम में मौजूद डॉक्‍टरों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग ऐसा नहीं करेंगे और राज्‍य के लोगों को अपनी सेवा देंगे। बता दें कि स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने डॉक्‍टरी की पढ़ाई की। उसके बाद वे आइएएस बन गए।

367 चिकित्सकों को दिए गए नियुक्ति पत्र

नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को 367 चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। नामकुम के आरसीएच स्थित आइपीएच सभागार में आयोजित समारोह में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एनएचएम द्वारा नियुक्त 43 एमओ, 44 एसएमओ और जेपीएससी द्वारा नियुक्त 280 चिकित्सकों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया।

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने सभी चिकित्सकों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वे सरकार के स्तंभ के रूप में काम करेंगे। स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि वर्ष 2015 के बाद चिकित्सकों की नियुक्ति की जा रही है। यह राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि नियुक्त होने वाले चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना है। पारिवारिक जीवन में फर्क न पड़े इसलिए पति और पत्नी को एक ही जिले में पोस्टिंग दी गई है।

कोविड-19 के दौरान सिर्फ सरकारी अस्पतालों ने ही दी सेवा

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 के दौरान चार महीनों तक सिर्फ सरकारी अस्पतालों ने ही अपनी सेवा दी। उस दौरान सभी निजी अस्पताल बंद थे। सरकारी अस्पतालों  में मरीजों का इलाज हो रहा था। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि वे नई सोच और सेवा भाव से काम करें।

कोविड-19 महामारी के दौरान बेहतर कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित

इस मौके पर वैश्विक महामारी कोविड-19 के नियंत्रण तथा रोकथाम में योगदान देने के लिए पदाधिकारियों और चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। जिन्हें सम्मानित किया गया उनमें एओडी मााक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. मनोज कुमार, राज्य सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. प्रवीण कर्ण और तेजकरण चारण शामिल हैं।


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