Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- किसी को ए पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत हो, सूचना मिलते ही करूंगा डोनेट
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम सभी बहुत ही स्वाभग्यशाली है कि हमारे संस्थान में ऐसे योद्धा हैं जो ना सिर्फ मरीजों का इलाज करते है जरूरत पड़ने पर उनकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते है।
रांची (जागरण संवाददाता) । कोरोना के बढ़ते मामले के बीच लोगों को वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन जब तक वेक्सीन नहीं आती तब तक प्लाज्मा थेरेपी से ही गंभीर संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाएगा। ऐसे में गंभीर मरीजों का ना सिर्फ इलाज करने बल्कि अपना प्लाज्मा देकर मरीजों की जान तक बचाने में रिम्स के चिकित्सको की सहभागिता है। रिम्स के इन्हीं चिकित्सको को बुधवार को सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मनित किया। रिम्स के एक दर्जन से अधिक चिकित्सको को ट्रॉफी व प्रशस्ति पत्र देकर उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति आभार व्यक्त की गई।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम सभी बहुत ही स्वाभग्यशाली है कि हमारे संस्थान में ऐसे योद्धा हैं जो ना सिर्फ मरीजों का इलाज करते है, जरूरत पड़ने पर उनकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते है। पहले इलाज के दौरान खुद संक्रमित हुए, अब अपने जज्बे के साथ गंभीर मरीजों के लिए प्लाज्मा दान कर रहे हैं। यह निश्चित ही इस कोरोना काल में एक योद्धा का परिचय है।
आगे उन्होंने कहा कि कई चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ, समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी जिनकी मौत हुई है, उन्होंने सभी के शहादत को सदन में सत्र के दौरान भी नमन किया है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि वे भी कोरोना काल में सेवा देते हुए संक्रमित हुए थे, ऐसे में उन्होंने अपना ब्लड ग्रुप बताते हुए कहा कि किसी भी जरूरतमंद संक्रमित मरीज को ए पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत होगी तो सूचना मिलते ही वे सबसे पहले ब्लड बैंक पहुंचकर प्लाज्मा डोनेट करेंगे।
प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीजों को नहीं किया जाता मोटिवेट
इधर, बन्ना गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में प्लाज्मा के लिए सबसे अधिक मांग निजी अस्पतालों से आ रही है। जबकि उन्होंने उन अस्पतालों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इलाज के दौरान मरीजों को निजी अस्पतालों में प्लाज्मा डोनेशन के लिए मोटिवेट नहीं किया जाता है। जब जरूरत पड़ती है तो मरीज के परिजनों को प्लाज्मा के लिए रिम्स भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी निजी अस्पतालों का भी दायित्व है कि मरीज के स्वस्थ होने के बाद और डिस्चार्ज के पूर्व उनकी काउंसलिंग की जाए ताकि लोग खुद आकर प्लाज्मा डोनेट करें। कहा कि राज्य जांच से लेकर रिकवरी रेट में भी देश भर में कई राज्यो से आगे है। यहां मृत्यु दर काफी कम है।