रिम्स निदेशक के विवाद ने पकड़ा तूल, मंत्री बन्ना गुप्ता निशाने पर; बाबूलाल बोले, निदेशक को जलील कर रहे मंत्री
RIMS Hospital Director DK Singh Relieved Controversy स्वास्थ्य मंत्री के उन्हें कार्य मुक्त करने की अनुशंसा पर सवाल उठाया जा रहा है कि आपदा की घड़ी में ऐसा करने की क्या हड़बड़ी थी?
रांची, राज्य ब्यूरो। RIMS Hospital Director DK Singh Relieved Controversy राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के निदेशक को कार्य मुक्त करने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में कठघरे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता नजर आ रहे हैं। कोरोना से जूझ रहे राज्य सरकार की मुहिम को इससे झटका लग सकता है। गौरतलब है डा. डीके सिंंह ने एम्स, भटिंडा में चयनित होने का हवाला देकर कार्य मुक्त करने का पत्र स्वास्थ्य विभाग को लिखा था।
हालांकि उनकी ओर से कहा गया था कि अभी कोरोना की समस्या से लोग जूझ रहे हैं, अभी वे यहां काम कर सकते हैं। उनके पत्र को आधार बनाकर स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें कार्य मुक्त करने की अनुशंसा मुख्यमंत्री से कर दी। सवाल उठाया जा रहा है कि आपदा की घड़ी में ऐसा करने की क्या हड़बड़ी थी? हालांकि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विवादों से इन्कार करते हुए कहा कि उन्होंने खुद इसकी अनुमति मांगी थी। गौरतलब है कि आपाधापी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी छविरंजन को रिम्स का अपर निदेशक-प्रशासन बनाया गया है।
निदेशक को जलील कर रहे मंत्री : बाबूलाल
रिम्स के विवाद पर स्वास्थ्य मंत्री के रुख का भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार रिम्स निदेशक ने सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद ही उन्हें कार्य मुक्त किया जाए। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक की इस भावना का कद्र करने की बजाय इनको तत्काल हटाने की अनुशंसा करते हुए संचिका को मुख्यमंत्री के पास भेज दिया है। सरकार के मंत्री द्वारा इस प्रकार निदेशक को जलील किए जाने का प्रयास कोरोना जैसे संकट के बीच इन्हें हटाना काफी शर्मनाक है। ऐसी प्रवृति व मंत्री की कारस्तानी पर मुख्यमंत्री को रोक लगानी चाहिए।
गलत संदेश जा रहा लोगों में : सरयू राय
पूर्व मंत्री सरयू राय ने कहा है कि डा. डीके सिंह को कोरोना संकट काल तक के लिये रिम्स में रोकना चाहिए। आवश्यकता पड़े तो इसके लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और भटिंडा एम्स से भी बात की जानी चाहिए कि कोरोना संकट के उपरांत उनका योगदान वहां पर कराएं। राय ने कहा कि ऐसी स्थिति में रिम्स निदेशक को विरमित करने का गलत संदेश जनमानस में जाएगा। यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के स्तर से इस संबंध में निर्णय हो गया हो तब भी उसे रोककर पुनर्विचार करना चाहिए।