Online Education: पापा लौटे काम पर तो छूट गई पढ़ाई, ऑनलाइन क्लास में बच्चों की उपस्थिति हुई कम
ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति में 15 से 20 फीसद की कमी आई है। घर से बाहर निकले अभिभावक तो एंड्रायड मोबाइल नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। अब बच्चों ने टोला कक्षा का विकल्प बनाया है।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। हजारीबाग जिले के बरकट्ठा स्थित उत्क्रमित कन्या हाई स्कूल बेलकप्पी के आठवीं कक्षा के आर्यन कुमार और नौवीं में पढऩे वाली उसकी बहन स्नेहा चाह कर भी अपने विद्यालय की आनलाइन कक्षाओं से जुड़ नही पा रहे हैं। वजह कोरोना काल में लाकडाउन के दौरान घर लौटे पिता अभय कुमार का वापस काम पर मध्य प्रदेश लौट जाना है। आर्यन और स्नेहा की तरह ही आठवीं में पढऩे वाली अष्टमी की पढ़ाई भी बाधित हो गई है।
लाकडाउन में बंडासिंघा अपने घर पहुंचे उसके पिता सुरेंद्र मोदी भी अनलाक के साथ ही अपने रोजगार पर वापस महाराष्ट्र चले गए हैं। दरअसल यह दोनों की स्थितियां बता रही हैं कि लौटते कामगार अभिभावकों के साथ सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। अभिभावकों के साथ आनलाइन पढ़ाई का जरिया एंड्रायड वाला मोबाइल भी उनके साथ चला जा रहा है। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
आर्यन और स्नेहा बताते हैं कि पापा बाहर रहते हैं तो एंड्रायड फोन उन्होंने खरीदा था। दूसरा उस तरह के फोन खरीदने की घर की माली हालत नहीं है। जो फोन है, वह छोटा फोन है। इसलिए पढ़ाई बंद है। जिले के बरकट्ठा, विष्णुगढ़, चौपारण के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सबसे अधिक संख्या में बच्चे अपने पिता के वापस दूसरे प्रदेश काम पर लौटने से पढ़ाई से प्रभावित हुए हैं। इन प्रखंडों में ही जिले में सबसे अधिक कामगार लाकडाउन के दौरान अपने घर वापस पहुंचे थे। एक अनुमान के मुताबिक 10 से 15 फीसद की गिरावट आनलाइन कक्षाओं में आई है।
कम हुए बच्चे तो टोला कक्षा को बनाया विकल्प
लाकडाउन के शुरुआती दौर में बरकट्ठा स्थित उत्क्रमित कन्या हाई स्कूल बेलकप्पी में पहली से 10वीं तक के 450 बच्चे जुट रहे थे। लेकिन, जैसे-जैसे कामगार वापस लौटने लगे आनलाइन पढ़ाई में बच्चों की उपस्थिति में भी कमी आने लगी। वर्तमान में 250 से 300 बच्चे ही आनलाइन पढ़ाई में जुड़ पा रहे हैं। लगातार बच्चों की कम होती संख्या को देखते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक छत्रू प्रसाद ने टोला कक्षा को विकल्प बना लिया है। विद्यालय के पोषक क्षेत्र में छह टोला कक्षा संचालित की जा रही है।
'अभिभावकों के लौटने की वजह से बच्चों के पास मोबाइल फोन नही होता। इस वजह से आनलाइन पढ़ाई में थोड़ी समस्या आ रही है। टोला कक्षा को संचालित कर ऐसे बच्चों को विद्यालय से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।' -छत्रू प्रसाद, प्रभारी प्रधानाध्यापक उत्क्रमित कन्या हाई स्कूल बेलकप्पी, बरकट्ठा।
'अभिभावकों के लौटने की वजह से मोबाइल भी वे साथ ले गए। इस वजह से आनलाइन पढ़ाई में थोड़ी समस्या आई है। 80 फीसद छात्र कक्षाओं में जुड़ पा रहे हैं।' -प्रदीप कुमार, प्रभारी प्रधानाध्यापक उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरहमोरिया विष्णुगढ़।