Move to Jagran APP

गुमला में पीएलएफआइ उग्रवादी को महिलाओं ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला Gumla News

Jharkhand Gumla News उसका शव डान टोली निवासी जगतपाल साहु के खेत में पड़ा हुआ था। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 10:13 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 09:30 PM (IST)
गुमला में पीएलएफआइ उग्रवादी को महिलाओं ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला Gumla News
गुमला में पीएलएफआइ उग्रवादी को महिलाओं ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला Gumla News

गुमला, जासं। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के उग्रवादी संदीप तिर्की को सोमवार सुबह बरगांव के ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला। इससे टैंसेरा गांव एवं आसपास के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। संदीप तिर्की पर हत्या और रंगदारी के आधा दर्जन से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। वह खूंखार पीएलएफआइ उग्रवादी बसंत गोप का करीबी था। ग्रामीणों को पीटना, धमकाना उसके लिए आम बात थी। लोग उससे तंग आ गए थे, आखिरकार उन्होंने एकजुट होकर इस उग्रवादी को मार डाला।

loksabha election banner

पुलिस के अनुसार, बरगांव के रहने वाले लोकनाथ सिंह से रविवार सुबह टैंसेरा गांव के पूरन साहू ने पिस्टल दिखा कर मोबाइल लूट लिया था। लोकनाथ ने यह बात गांव के लोगों को बताई। मां अष्टमी देवी ने इस घटना की शिकायत गुमला थाने में की थी। पुलिस ने पूरन साहू के घर की तलाशी ली। लोडेड पिस्टल और मोबाइल बरामद करने के साथ उसे जेल भेज दिया था। जानकारी मिलने के बाद रविवार शाम संदीप तिर्की बरगांव गया। ग्रामीणों को धमकी दी। उस समय ग्रामीणों ने कुछ नहीं किया, लेकिन गोलबंदी शुरू कर दी।

सोमवार सुबह छह बजे बरगांव के ग्रामीण लाठी-डंडा से लैस होकर टैंसेरा गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने संदीप तिर्की के घर को घेर लिया। संदीप तिर्की भागने लगा। ग्रामीण उसे दौड़ाने लगे। डानटोली के जगतपाल साहू के धान के खेत में संदीप तिर्की गिर गया। बरगांव के लोगों ने लाठी-डंडा से पीट-पीट कर उसे मार डाला। इसके बाद चले गए। घटना की जानकारी मिलने पर एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल व थाना प्रभारी शंकर ठाकुर पुलिस बल के साथ पहुंचे। पुलिस का कहना है कि संदीप तिर्की के अपराध से परेशान अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या की है। संदीप तिर्की वृंदा गांव के शनिचरवा उरांव की हत्या में जेल गया था। वापस आने के बाद वह पुन: घटनाओं में शामिल हो गया था।

लांगो ने भरी थी पहली हुंकार

झारखंड में नक्सलियों के आतंक से तंग आकर पहली बार पूर्वी सिंहभूम के डुमिरया प्रखंड के लांगो गांव में ग्रामीण उठ खड़े हुए थे। आठ अगस्त, 2003 को नौ नक्सलियों को उन्होंने मार डाला। 10, 14 व 20 अगस्त, 2003 को लांगो गांव में ही ग्रामीणों ने पुन: चार और नक्सलियों को मार डाला। तत्कालीन एसपी ने ग्रामीणों को परोक्ष तौर पर मदद की थी और उन्हें नक्सलियों के खिलाफ खड़ा किया था। उन्हें ट्रेनिंग दिलाई और पारंपरिक हथियार का इस्तेमाल करना सिखाया। 14 फरवरी, 2008 को पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया के आमदा में आठ नक्सलियों को ग्रामीणों ने मार डाला था। 2009 में रांची जिले के बुढमू प्रखंड के हेसलपीढ़ी गांव में तीन नक्सलियों को घेर कर ग्रामीणों ने मार डाला था। अभी जून 2020 में इसी तरह गिरिडीह में एक दुर्दांत नक्सली कमांडर को ग्रामीणों ने घर कर मार डाला था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.