सरकारी पैसे की हेराफेरी के लिए मृत व्यक्ति के नाम जारी किया गिरफ्तारी वारंट Gumla News
Jharkhand Gumla News आरोपित स्वयंसेवी संस्थाओं के सचिवों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। जेट्रोफा पौधारोपण के दौरान सरकारी राशि की हेराफेरी का मामला है।
गुमला, [रमेश कुमार पाण्डेय]। झारखंड के गुमला जिले में सरकारी पैसे की बंदरबांट का अजीब मामला सामने आया है। यहां पैसे हड़पने के लिए मृत व्यक्ति के नाम भी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। नीलामवाद पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार देव की अदालत ने जेट्रोफा पौधारोपण कराने के दौरान सरकारी राशि की हेराफेरी करने के आरोप में स्वयंसेवी संस्थाओं के सचिवों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उसमें सर्व इंडिया गुमला के मृत सचिव सुजीत कुमार नंदा का भी नाम शामिल है। नीलामवाद पदाधिकारी ने सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक को 12 मार्च, 2020 को लिखे अपने पत्र में सुजीत कुमार नंदा को दो मामलों में गिरफ्तार करने का अनुरोध किया है।
पहले मामले में मृत सुजीत कुमार नंदा पर दो लाख 50 हजार एक सौ पांच रुपये और दूसरे मामले में 58 लाख 32 हजार 283 रुपये हेराफेरी करने का आरोप है। डीआरडीए के लेखा पदाधिकारी ने वर्ष 2009-10 में उसके खिलाफ नीलामवाद पत्र दायर किया था। उसकी सुनवाई दस साल बाद पूरी हुई और वारंट जारी हुआ। उससे पहले ही आरोपित की मौत हो गई थी। पर, लेखा पदाधिकारी ने मौत की जानकारी नीलामपत्र पदाधिकारी को नहीं दी थी।
वैसे तो विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के 18 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था, जिनमें बिरसा मुंडा कला परिषद के सचिव प्रमिला सिंह को भी गिरफ्तार करने का अनुरोध एसपी से किया गया है। उनके यहां 30 लाख 70 हजार 476 रुपये बकाया दिखाया गया है।
लोहरदगा के एसपी से गांधी शांति प्रतिष्ठान लोहरदगा के सचिव त्रिपुरारी सिंह से 49 लाख 74 हजार 18 रुपये, 13 लाख 79 हजार 89 रुपये वसूलने के दो नीलामवाद पत्र, छोटानागपुर दुर्गम क्षेत्र कृषि विकास केंद्र लोहरदगा के सचिव शिव प्रसाद साहु से 63 लाख 10 हजार 416 रुपये और 19 लाख 99 हजार 462 रुपये, प्लस फाउंडेशन सिसई के सचिव सुकेश कुमार से 53 लाख 17 हजार 316 रुपये, रांची के एसपी से उत्थान हेहल के सचिव निर्मल कुमार से 58 लाख 73 हजार 373 रुपये, जन चेतना ग्रामीण विकास परिषद धुर्वा के सचिव सत्येंद्र कुमार से 12 लाख 89 हजार 280 रुपये, ग्रामीण सुलभ विकास केंद्र बेड़ो के सचिव मंजूर अंसारी से 21 लाख 13 हजार 486 रुपये, नवनीत जागृति मंच गुमला की सचिव अनुपमा कुमारी से चार लाख 11 हजार 553 रुपये वसूलने के मामले में गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
इसी तरह गुमला जिला में स्वयंसेवी संस्था अहेड पालकोट के सचिव ब्रजेश कुमार मिश्र से 95 लाख 23 हजार 365 रुपये, ज्ञानश्री स्वयंसेवी संस्था की सचिव विद्या मिश्रा से 13 लाख 92 हजार 250 रुपये, ग्रामीण पुनर्निर्माण सहकारिता संस्थान सिसई के सचिव रामयतन साहु से 42 लाख 63 हजार 428, मित्र स्वयंसेवी संस्थान गुमला के सचिव राजीव रंजन मिश्रा से 46 लाख सात हजार 143 रुपये, छोटानागपुर मानवीय कल्याण एवं शोध संस्थान के सचिव मंगल प्रसाद सिंह से चार लाख 76 हजार एक सौ रुपये, आदिशक्ति महिला कल्याण समिति की सचिव चन्द्रलेखा देवी से 29 लाख 86 हजार 832 रुपये की वसूली की जानी है। इसके लिए गुमला के एसपी से जारी वारंट को तामिला कराने और गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।
छह माह में भी नहीं हुई गिरफ्तारी
गुमला, रांची, लोहरदगा और सिमडेगा के एसपी से छह माह पहले ही जारी गिरफ्तारी वारंट का क्रियान्वयन कराए जाने का अनुरोध किया गया था। पत्राचार किया गया, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
'यह सरकारी राशि के गबन का मामला है। जो लोग गिरफ्तार होकर आएंगे, वे लोग सिविल बंदी कहलाएंगे। गिरफ्तार होने वालों के लिए अलग से जेल बनाया जाएगा। उनके खाने-पीने और इलाज में होने वाले खर्च की वसूली होगी। राशि नहीं देने पर परिसंपत्ति जब्त कर नीलाम की जाएगी।' -जितेंद्र कुमार देव, अनुमंडल पदाधिकारी गुमला।