Pathalgadi Case: खूंटी व सरायकेला-खरसांवा में पत्थलगड़ी के सर्वाधिक मामले, हजारों लोगों को राहत
Pathalgadi Case खूंटी के मुरहू व अड़की थाने में तथा सरायकेला के कुचाई थाने में पत्थलगड़ी से संबंधित मामले दर्ज हैं जिसके दर्जनभर से ज्यादा आरोपित व नेता जेल में बंद हैं।
खास बातें
- डेढ़ दर्जन से ज्यादा पत्थलगड़ी समर्थक हैं सलाखों के भीतर
- देशद्रोह का चल रहा है मुकदमा, समानांतर सरकार की साजिश का है आरोप
- खूंटी, मुरहू व अड़की तथा सरायकेला के कुचाई थाने में भी दर्ज हैं पत्थलगड़ी के मामले
रांची, [दिलीप कुमार]। Pathalgadi Case शपथ ग्रहण के बाद हेमंत कैबिनेट की रविवार को हुई पहली बैठक में ही पत्थलगड़ी समर्थकों से देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने की घोषणा एक बड़ा निर्णय है। पत्थलगड़ी से संबंधित प्राथमिकियां खूंटी व सरायकेला जिले में ही हैं। खूंटी के मुरहू व अड़की थाने में तथा सरायकेला के कुचाई थाने में पत्थलगड़ी से संबंधित मामले दर्ज हैं, जिसके दर्जनभर से ज्यादा आरोपित व नेता जेल में बंद हैं। इन पर पूर्व में ही देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए सरकार की स्वीकृति भी मिल चुकी है।
खूंटी व सरायकेला के कुछ गांवों में ताबड़तोड़ पत्थलगड़ी हुई थी। पूर्व की रघुवर सरकार ने यह दावा किया था कि जहां पत्थलगड़ी हुई थी, वहां के नेताओं के बहकावे में आकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने समानांतर सरकार चलाने की कोशिश की। ग्राम सभा के अधिकारों की गलत व्याख्या की गई थी और यह भी कहा गया था कि ग्रामीण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेंगे। वहां संविधान की पांचवीं अनुसूची की गलत व्याख्या कर ग्राम सभा को सरकार के विरुद्ध भड़काया गया था। गांवों में पत्थलगड़ी कर उक्त क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन को जाने से रोका गया था। पत्थलगड़ी की आड़ में अफीम की खेती व नक्सलियों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा था। सरकार, सरकारी अधिकारी के कानूनन आदेश व निर्देश को नहीं मानने, विधि-व्यवस्था को अपने हाथों में लेने, अपना बैंक खोलने की कोशिश करने व अपना सिक्का चलाने की भी पत्थलगड़ी समर्थकों ने कोशिश की थी। इसी मामले में पुलिस-प्रशासन ने सख्ती बरती थी और देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी।
इन पत्थलगड़ी समर्थकों पर सरायकेला में दर्ज हैं देशद्रोह के मुकदमे
- जोसेफ पूर्ति उर्फ युसूफ पूर्ति : उदबुरू, मुरहू, खूंटी।
- पतरस हस्सा : चिरूबेड़ा चिटुंग, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
- सिंगराय मुंडा : तराम्बा, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
- बलराम समद : कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
- जिरेन कांडिर : सियाडिह टोला पटायता, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
- जेवियर सोय : सियाडीह टोला तिरूलडिह, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
- श्यामलाल मुंडा उर्फ श्यामल मुंडा : सियाडीह टोला, पटायता, कुचाई, सरायकेला-खरसांवा।
- गुरुवा मुंडा : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई।
- हालान मुंडा : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई।
- बलराम मुंडा : सियाडीह टोला, बुरसुपीढ़ी, कुचाई।
- अमित मुंडा : सियाडीह टोला, नावाडीह, कुचाई।
- चैतन मुंडा : सियाडीह टोला, नावाडीह, कुचाई।
- दीपक सोय : सियाडीह टोला, तिरूलडीह, कुचाई
इन पत्थलगड़ी समर्थकों पर खूंटी में दर्ज हैं देशद्रोह के मुकदमे
- जॉन जुनास तिड़ू : पिता अनिद्रयस तिड़ू, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
- बलराम समद : पिता टोको समद, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
- मोगो सेबेयन बोदरा : पिता स्व. जोगो बोदरा, बाड़ीईकिर, अड़की, खूंटी।
- ठाकुर मुंडा : पिता स्व. सनिका मुंडा, ओमटों, मारंगहादा, खूंटी।
- पौलुस टुटी : पिता दसाय टुटी,, डेरा दशमफॉल, रांची।
- बेजनाथ पाहन : पिता स्व. बुधुवा पाहन, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।
- नेता नाग मुंडा : पिता स्व. सुखराम मुंडा, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।
क्या है धारा 124 (ए)
- भारतीय दंड विधान (भादवि) की धारा 124 (ए) के तहत उन लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, जिनपर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है।
- अगर कोई भी व्यक्ति सरकार विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है।
- ऐसी सामग्री का समर्थन करता है।
- राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने कोशिश करता है।
- अपने लिखित या मौखिक शब्दों या फिर चिह्नों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है।
- भादवि की धारा 124 (ए) में अगर न्यायालय में आरोपितों पर दोष साबित हुआ, तो आरोपितों को तीन साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है।
दो अन्य धाराएं भी लगी हैं पत्थलगड़ी समर्थकों पर
- भादवि 153 (ए) : उपद्रव कराने के आशय से दुष्प्रचार करना।
- भादवि 153 (बी) : द्वेषभाव से उपद्रव कराने के आशय से दुष्प्रचार करना।
पत्थलगड़ी समर्थकों पर ये आरोप हैं
- सरकार के समानांतर सरकार चलाना। ग्राम सभा की गलत व्याख्या करना। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेना।
- संविधान की पांचवीं अनुसूची की गलत व्याख्या कर ग्राम सभा को सरकार के विरुद्ध भड़काना। गांवों में पत्थलगड़ी कर उक्त क्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन को जाने से रोकना।
- पत्थलगड़ी की आड़ में अफीम की खेती, नक्सलियों को मदद करना।
- अपना सिक्का चलाना, अपना बैंक खोलने की कोशिश करना। सरकार, सरकारी अधिकारी के कानूनन आदेश-निर्देश को नहीं मानना। विधि-व्यवस्था को अपने हाथ में लेना।
पत्थलगड़ी के ये नेता व समर्थक हुए थे गिरफ्तार
कार्तिक महतो, पावल टुटी, दुर्गा मुंडा, मोगो सेबियन बोदरा उर्फ मोसो मुंडा, बलराम समद, जॉन जुनास तिड़ू, सुरेंद्र सिंह मुंडा, नेता नाग मुंडा, सुखराम मुंडा, प्रभू सहाय पूर्ति उर्फ गेंदा मुंडा, लेबो एग्नेस टुटी, करम सिंह मुंडा, ठाकुरा मुंडा, पौलुस टुटी व विजय कुजूर।
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