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तीन माह में कृषि नीति घोषित करेगी सरकार, निर्यात के लिए भी बनेगी नीति

कृषि मंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश। फसल बीमा का लंबित भुगतान एक माह में होगा। सामान्य वर्ग की महिलाओं को भी 90 फीसद अनुदान पर मिलेंगी दुधारू गाय।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 08:07 PM (IST)
तीन माह में कृषि नीति घोषित करेगी सरकार, निर्यात के लिए भी बनेगी नीति
तीन माह में कृषि नीति घोषित करेगी सरकार, निर्यात के लिए भी बनेगी नीति

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार अगले तीन माह में कृषि नीति की घोषणा करेगी। इतना ही नहीं, कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए भी नीति इसी अवधि के दौरान तैयार की जाएगी। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिए हैं। बता दें कि पूर्व में कृषि नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका। बैठक के बाद कृषि मंत्री बादल ने लिए गए अहम निर्णयों से मीडिया को अवगत कराया।

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कृषि मंत्री ने कहा कि फसल बीमा का लंबित भुगतान एक माह के भीतर कैंप लगाकर किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियों के बकाया 147 करोड़ की राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी और इसके तत्काल बाद बीमा कंपनी राज्य के लगभग चार लाख किसानों के बीच 625 करोड़ की फसल बीमा राशि का भुगतान करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि 90 प्रतिशत अनुदान पर बीपीएल परिवार की महिलाओं को दुधारू गाय का वितरण किया जाता था।

अब सामान्य वर्ग की महिलाओं को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा। धान व अन्य कृषि उत्पाद की तर्ज पर अब सब्जियों का भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय किया जाएगा। इस प्रक्रिया को जल्द अंजाम दिया जाएगा। उन्होंने राज्य के तीन प्रमंडलों में एक-एक कोल्ड स्टोरेज खोलने की बात भी कही। इस मौके पर कृषि सचिव पूजा सिंघल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

हर जिले के एक प्रखंड को जैविक ब्लॉक के रूप में किया जाएगा विकसित

कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग राज्य के सभी 24 जिलों के एक-एक प्रखंड को पूर्ण रूप से जैविक ब्लॉक के रूप में विकसित करेगा। इतना ही नहीं, सभी जिलों की पहचान वहां उत्पादित होने वाले किसी न किसी एक उत्पाद के रूप में हो, सरकार की ऐसी कोशिश भी रहेगी। राज्य सरकार वहां उत्पादित होने वाले उत्पाद की बकायदा मार्केटिंग भी करेगी।

बैठक में लिए गए अन्य अहम निर्णय

  • चार वर्ष में अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। फिलहाल राज्य में 66 लाख अंडों का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है, जबकि जरूरत 120 लाख की है। इस गैप को चार सालों में पाटा जाएगा।
  • एक वर्ष के भीतर प्रत्येक जिले में एक पशु एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी।
  • एनडीडीबी के एकरारनामे का विस्तार किया जाएगा।
  • हर ब्लॉक में उद्यान प्रभाग के दो एकड़ के फार्म को स्वयं सहायता समूह की सहायता से मार्डन फार्म के तौर पर विकसित किया जाएगा।
  • मछली बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए फिश केज बनाए जाएंगे।
  • बंद पड़ी बेकन फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए एक माह के भीतर प्रयास शुरू किए जाएंगे।
  • विभाग में लंबित लीगल केस के निपटारे के लिए प्रत्येक माह में दो बार लीगल सेल बनाकर रिव्यू किया जाएगा।
  • विभाग के खाली पदों को भरा जाएगा। पेंशन, प्रोन्नति व प्रमोशन के मामलों पर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा।
  • बीएयू और आइसीआर को दोबारा उसका मुकाम हासिल हो इस दिशा में प्रयास किया जाएगा।
  • उन्नत बीज कैसे झारखंड में तैयार किए जाएं, इस दिशा में गंभीरता से प्रयास होगा। ताकि, बाहर की निर्भरता खत्म हो सके।

कर्ज माफी के वायदे पर बोले, सरकार गंभीर

किसानों की कर्ज माफी पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें लेकर हम गंभीर हैं। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बात चल रही है। मुख्यमंत्री गठबंधन दल के नेताओं के साथ मिलकर कोई निर्णय लेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर बोलने के लिए मै सक्षम व्यक्ति नहीं हूं।

किसानों की इजरायल यात्रा पर होगी समीक्षा

रघुवर सरकार में झारखंड के किसानों को इजरायल उन्नत खेती के गुर हासिल करने के लिए भेजा गया था। यह सिलसिला बना रहेगा या नहीं, पर कृषि मंत्री ने कहा, समीक्षा के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जिन चीजों की उपयोगिता है, वह बनी रहेगी। इजरायल की तकनीक का किसानों को कितना फायदा पहुंचा है, इसे देखा जाएगा।

कृषि आशीर्वाद योजना पर होगा विचार

मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के जारी रहने के सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि इसकी समीक्षा की जा रही है। जब तक नतीजे पर न पहुंचें, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 25 लाख से अधिक किसान हैं, लेकिन लाभ शायद 16 लाख को ही मिला है। जो छूटे, वे क्यों छूटे। इन तमाम चीजों को देखा जा रहा है।

गुमला में किसान परिवार के बच्चों के पठन-पाठन की व्यवस्था करेंगे

कृषि मंत्री ने गुमला जिले के बसिया प्रखंड के ग्राम ईटाम के किसान दिग्विजय कुमार की आत्महत्या के कारणों की विस्तृत जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। उन्होंने कहा कि कल शाम एक प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, अब विस्तृत जांच की जाएगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके परिजनों को कृषि राहत कोष से सहायता दी जाएगी। बच्चों के पठन-पाठन का खर्च सरकार उठाएगी। कहा, हम चीजों को छिपाना नहीं चाहते। हमारा उद्देश्य चुनौतियों का समाधान करना है।


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