झारखंड के शिक्षक मांग रहे फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा, साथ में एक माह का वेतन
Teachers Engaged in COVID Duty Jharkhand News झारखंड के सभी जिलों में कोविड मैनेजमेंट में सरकारी शिक्षक लगाए गए हैं। कई शिक्षकों की कोरोना से मौत होने को आधार बना रहे हैं। कोरोना आपदा में वे स्वास्थ्य विभाग के हर कार्यों में हाथ बंटा रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के सभी जिलों में कोविड मैनेजमेंट के कार्य में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी लगाया गया है। कुछ शिक्षकों को मजिस्ट्रेट भी बनाया गया है। शिक्षक इन कार्यों का हवाला देते हुए स्वास्थ्य कर्मियों की तरह प्रतिनियुक्त शिक्षकों को भी एक माह का वेतन देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर और कोरोना वारियर्स का दर्जा तथा 50 लाख रुपये के बीमा का लाभ देने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी ही मरीजों के इलाज से जुड़े कार्यों को करना है। लेकिन शिक्षकों को उनके कार्यों के अलावा कोविड से जुड़े कार्यों में लगाया गया है। वे बिना किसी साप्ताहिक अवकाश के इन कार्यों में लगे हैं। इस क्रम में सैकड़ों शिक्षक संक्रमित भी हुए हैं जबकि कई शिक्षकों की मौत हो गई।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर का कहना है कि कोरोना आपदा के इस गभीर संकट में हमारे शिक्षक और पारा शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य विभाग के हर कार्यों में हाथ बंटा रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की तरह कोविड कार्य में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को भी एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति दी जाए। शिक्षकों को फ्रंट लाइन कोरोना वारियर्स घोषित करते हुए उनके लिए 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलना चाहिए।
इन कार्यों में लगाए गए हैं शिक्षक
कोरोना जांच (नाम, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करने व प्रबंधन में), कोविड कंट्रोल रूम, टीकाकरण (दस्तावेज की जांच, रजिस्ट्रेशन आदि में), कोविड कंट्रोल रूम, कोविड सर्किट 104 की सेवा, कोविड अस्पताल (मजिस्ट्रेट के रूप में), ऑक्सीजन सिलेंडर भंडार गृह, कांटैक्ट ट्रेसिंग आदि।
'हमने शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा देने की मांग केंद्र सरकार से की है। प्राथमिकता के रूप में शिक्षकों का टीकाकरण कराया जा रहा है। जहां तक एक माह के अतिरिक्त वेतन प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की मांग की बात है तो इसपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।' -राजेश शर्मा, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग।