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झारखंड में कानूनी पचड़े में फंसी हजारों नियुक्तियां, 28 तरह की नौकरी के लिए लाखों आवेदन पर संकट

ड्राइवर से लेकर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी जैसे पद रिक्त हैं। जल्द निदान नहीं हुआ तो सरकारी कामकाज भी लटकेगा। आवेदन से लेकर परिणाम के स्तर तक मामले अटके हैं। 25 हजार से अधिक लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:05 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 04:15 PM (IST)
झारखंड में कानूनी पचड़े में फंसी हजारों नियुक्तियां, 28 तरह की नौकरी के लिए लाखों आवेदन पर संकट
नौकरी के लिए युवाओं की भीड़ की प्रतीकात्‍मक फोटो। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। हाई कोर्ट के नियोजन नीति रद करने के फैसले से प्रदेश में ड्राइवर से लेकर शिक्षकों और प्रखंड कल्याण, आपूर्ति पदाधिकारी जैसे पदों पर बहाली प्रक्रिया फिलहाल रुक गई है। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की बहाली जिन जिलों में नहीं हुई थी उनपर भी संकट के बादल हैं। हालांकि कोर्ट ने गैर अधिसूचित जिलों के परिणाम पर कोई रोक नहीं लगाई है।

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इसके बावजूद नियुक्ति की प्रक्रिया अब नियोजन नीति बनने के बाद ही शुरू हो सकेगी। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यह मानकर चल रहा है कि राज्य स्तरीय पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया कोर्ट के आदेश से प्रभावित नहीं होगी लेकिन, परिणाम इस बात पर निर्भर है कि कार्मिक विभाग कितनी जल्दी नियोजन नीति को अंतिम रूप देता है और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को नियोजन प्रक्रिया शुरू करने को कहता है।

फिलहाल कोर्ट के आदेश से 28 तरह की नौकरियां अधर में लटक गई हैं और इस क्रम में 10 लाख से अधिक आवेदनकर्ताओं का भाग्य भी लॉक हो गया है। इसके लिए कार्मिक विभाग के आदेश के बाद ही कोई कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

राज्य स्तरीय नौकरियों के लिए भी आरक्षण बदलना होगा

तृतीय वर्ग के कर्मियों के लिए राज्य स्तरीय पदों पर नियोजन नीति के तहत प्रावधान किया गया था कि ऐसी नौकरियां सिर्फ झारखंड के लोगों को ही दी जा सकेंगी। बाहरी लोगों के आवेदन भी नहीं लिए गए थे। इस मामले में कार्मिक विभाग सरकार से संकल्प वापस लेने का प्रस्ताव बढ़ा चुका है। विभागीय मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुमति मिलते ही इसे सुधार लिया जाएगा। दरअसल, पदों को सिर्फ झारखंड के लोगों के लिए आरक्षित कर देने से शत-प्रतिशत आरक्षण होने का भ्रम पैदा होता है।

किन नौकरियों पर संकट के बादल

पद                                रिक्तियां

1. अमीन, राजस्व कर्मचारी          - 886 पद

कनीय क्षेत्रीय अन्वेषक, गणक

2. निम्नवर्गीय लिपिक, पंचायत सचिव, - 3032

उपभोक्ता विवाद निस्तारण फोरम

में लिपिक, वाणिज्य कर लिपिक, आशुलिपिक

3. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक     - 18 हजार पद

4. परिधापक, मिहला नर्स,      - 116

पुरुष नर्स, मिश्रक, फार्मासिस्ट,   

एक्सरे टेक्नीशियन

5. ड्राइवर                       - 84

6. उत्पाद सिपाही               - 518

7. विशेष शाखा आरक्षी         - 1012

8. महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता    -1985

9. सहायक प्रशाखा पदा.      - 362

10. प्रखंड आपूर्ति पदा.        - 223

11. प्रखंड कल्याण पदा.       - 139

12. अंचल निरीक्षक           - 170

13. प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी   - 120

14. सहकारिता प्रसाद पदाधिकारी - 241

15. प्लानिंग असिस्टेंट             - 5

नोट : कनीय क्षेत्रीय अन्वेषक, गणक, निम्न वर्गीय लिपिक आदि कई ऐसे पद हैं जो राज्य स्तरीय माने गए हैं। ऊपर वर्णित पदों की संख्या के विरुद्ध कई मामलों में सरकार से नियोजन की अनुशंसा भी की जा चुकी है और कई लोग नियोजित भी हो चुके हैं।


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