सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को लैपटाप देगी झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का उपहार
Jharkhand news मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने डा अनिल महतो को जैक अध्यक्ष बनाने पर सहमति मांगी है। उधर मुख्यमंत्री ने कक्षा नौंवी के विद्यार्थियों को लैपटाप देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी इसकी स्वीकृति दे दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार नौवीं कक्षा में पढऩेवाले सरकारी स्कूलों के सभी विद्यार्थियों को लैपटॉप देगी। कोरोना के कारण स्कूलों के बंद रहने के कारण स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है, ताकि वे बेहतर ढंग से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस प्रस्ताव पर सहमति देने का अनुरोध किया जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष होंगे अनिल महतो
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ चर्चा की। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ अनिल कुमार महतो को झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष तथा डॉ विनोद सिंंह को उपाध्यक्ष नियुक्त करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की।
अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नियुक्ति के लिए अधिसूचना शीघ्र
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी मांग पर अपनी सहमति दे दी हैं। शीघ्र ही झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की जाएगी। बता दें कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कई दिन पूर्व ही डॉ अनिल कुमार महतो को झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इसकी अधिसूचना नहीं निकली थी।
विधायक की गाड़ी पर सवार हुए सीएम हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार की शाम प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय से अपने आवास जाने के लिए खिजरी के विधायक राजेश कच्छप की गाड़ी की सवारी की। मंत्रालय से निकलने के बाद वे पोर्टिको में पहुंचे और कांग्रेस के खिजरी विधायक राजेश कच्छप की कार में सवार हो गए। मुख्यमंत्री का यह अंदाज चर्चा में रहा। इस दौरान ड्राइङ्क्षवग सीट पर खुद विधायक राजेश कच्छप मौजूद थे। मुख्यमंत्री का दोस्ताना अंदाज देख लोग चकित थे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को खुद भी ड्राइङ्क्षवग का शौक है। वे प्रोजेक्ट भवन मंत्रालय से अपने सरकारी आवास आने-जाने के क्रम में अक्सर खुद कार ड्राइव करते हैं। इस दौरान उनके आसपास कड़ा सुरक्षा घेरा रहता है।