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झूम बराबर झूम शराबी... पियक्‍कड़ाें की जमात से 1600 करोड़ वसूलने का टारगेट

Wine Shop in Jharkhand. झारखंड के उत्पाद आयुक्त ने कहा कि बंदोबस्‍ती के बाद लाइसेंस सरेंडर करने पर दकानदारों को काेई अतिरिक्‍त शुल्‍क नहीं देना होगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 27 Feb 2019 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 09:08 AM (IST)
झूम बराबर झूम शराबी... पियक्‍कड़ाें की जमात से 1600 करोड़ वसूलने का टारगेट
झूम बराबर झूम शराबी... पियक्‍कड़ाें की जमात से 1600 करोड़ वसूलने का टारगेट

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में शराब की बिक्री फिर खुदरा कारोबारियों के हाथों में जा रही है। नए वित्तीय वर्ष में उत्पाद विभाग को 1600 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। इनमें 1558 करोड़ रुपये शराब दुकानों से व शेष बार से वसूले जाएंगे। जब सरकार शराब बेच रही थी, तब विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। आयुक्त उत्पाद भोर सिंह यादव ने यह जानकारी दी है।

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नए वित्तीय वर्ष के लिए 565 देसी, 718 विदेशी और 381 कंपोजिट शराब की दुकानों की बंदोबस्ती होगी। कुल 799 समूह में दुकानों को विभक्त किया गया है। एक दुकान के आवेदक तीन आवेदन कर सकते हैं। आयुक्त के अनुसार राज्य में शराब दुकानों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया झारखंड उत्पाद नियमावली-2018 के अनुसार शुरू हो गई है। उत्पाद विभाग के ई-पोर्टल पर चार मार्च तक आवेदन भरने की तिथि निर्धारित की गई है। पांच मार्च को इसकी ऑनलाइन बोली लगेगी।

नई नीति के तहत तीन वर्षों के लिए दुकानों की बंदोबस्ती होगी। हर वर्ष लाइसेंस का नवीकरण होगा और इस दौरान हर दुकानों के राजस्व के लक्ष्य का निर्धारण होगा। अगर व्यापारी चाहें तो बीच में ही अपना लाइसेंस सरेंडर कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, जबकि शर्त होगी कि वे इसकी जानकारी जनवरी महीने में ही दे दें, ताकि अप्रैल से पहले उस स्थान पर दूसरे की बंदोबस्ती कराई जा सके। वित्तीय  वर्ष के बीच में जमा करने पर उन्हें नियमानुसार शुल्क देना होगा।

उत्पाद आयुक्त भोर सिंह यादव ने बताया कि दुकानों की स्थिति के आधार पर लाइसेंस चार क्षेत्रों के लिए दिए जाएंगे। इसमें तीन शहरी व एक ग्रामीण क्षेत्र है। शहरी क्षेत्र में सभी नगर निगम क्षेत्र (बोकारो स्टील सिटी जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र) और इसके तीन किलोमीटर के परिधि क्षेत्र, सभी नगर पंचायत क्षेत्र व इनके दो किलोमीटर के परिधि क्षेत्र व सभी नगर पंचायत व इनके एक किलोमीटर परिधीय क्षेत्र को शहरी क्षेत्र बताया गया है। जबकि सभी जिलों के प्रखंड मुख्यालय (नगर निगम व नगर परिषद छोड़कर) के धारकों को ग्रामीण क्षेत्र का लाइसेंस दिया जाएगा।

फैक्ट फाइल

- 565 देसी, 718 विदेशी और 381 कंपोजिट शराब की दुकानें खुलेंगी

- 799 समूह में दुकानों को किया गया है विभक्त

- तीन आवेदन एक दुकान के लिए कर सकते हैं आवेदक

- सरेंडर की जानकारी विभाग को जनवरी में ही देनी होगी

- साल के बीच में छोडऩे पर देना होगा नियमानुसार शुल्क


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