मानकी को 3000, मुंडा को 2000 और डाकुवा को 1000 सम्मान राशि, हर साल खर्च होंगे 40 करोड़
झारखंड सरकार ने स्थापना दिवस के मौके पर जहां धर्मगुरुओं को सम्मान राशि देने की घोषणा की। वहीं शौचालय निर्माण के क्षेत्र में एक साल पूर्व ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में पहली बार मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान की तरह राज्य के परगणेत, पराणिक, जोगमांझी, कुड़ाम नायकी, नायकी, गोडैत, मूल रैयत, पड़हा राजा, ग्राम सभा का प्रधान, घटवाल एवं तावेदार लोगों को भी प्रति माह सम्मान राशि दी जायेगी।
मानकी को 3000 रुपये, मुंडा को 2000 रुपये, ग्राम प्रधान को 2000 रुपये एवं डाकुवा को 1000 रुपये की तरह ही राज्य के परगणेत को 1000 रुपये, पराणिक को 1000 रुपये, जोगमांझी को 1000 रुपये, कुड़ाम नायकी को 1000 रुपये, नायकी को 1000 रुपये, गोडैत को 1000 रुपये, मूल रैयत को 1000 रुपये, पड़हा राजा को 1000 रुपये, ग्राम सभा का प्रधान को 1000 रुपये, घटवाल को 1000 रुपये एवं तावेदार को 1000 रुपये प्रति माह सम्मान राशि दी जाएगी। इसपर प्रतिवर्ष 40 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा।
चार साल में बने 33.79 लाख शौचालय : झारखंड खुले में शौच से मुक्त हो गया है। गुरुवार को राज्य स्थापना दिवस समारोह में बकायदा इसकी विधिवत घोषणा की गई। झारखंड ने ओडीएफ लक्ष्य को भारत सरकार द्वारा निर्धारित अवधि 2 अक्टूबर 2019 से करीब एक वर्ष पूर्व हासिल कर लिया है। वर्ष 2012 के बेसलाइन सर्वे के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 40 लाख से अधिक परिवारों में से महज 6.22 लाख घरों में ही शौचालय की सुविधा थी।
बचे हुए शेष 33.79 लाख घरों में बीते चार वर्षों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण काफी तेजी से किया गया और निर्धारित लक्ष्य को हासिल किया गया। वर्ष 2018-19 के महज साढ़े नौ माह में रिकार्ड 9,28,591 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया। शौचालय निर्माण में लगाई गई रानी मिस्त्रियों के मॉडल को पूरे देश में सराहा गया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनकी तारीफ की।