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झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, नौकरी से हटाए जाएंगे 258 गृह रक्षक

Jharkhand Big decision झारखंड सरकार ने बड़ी संख्‍या में बहाल गृह रक्षकों को हटाने का न‍िर्णय ल‍िया है। मालूम हो क‍ि विज्ञापन निकला था 771 गृह रक्षकों के लिए और बहाल कर ल‍िए गए थे 1029 गृह रक्षक।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:05 PM (IST)
झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, नौकरी से हटाए जाएंगे 258 गृह रक्षक
सरकार ने बड़ी संख्‍या में होमगार्ड को नौकरी से हटाने का न‍िर्णय ल‍िया है। होमगार्ड जवानों का प्रतीक फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची जिले में वर्ष 2016 में बहाल 258 गृह रक्षक हटाए जाएंगे। राज्य सरकार ने मेधा सूची निरस्त करते हुए गृह रक्षा वाहिनी सह अग्निशमन के डीजी को नए सिरे से वरीयता सूची जारी करने का आदेश दिया है। इटकी व नगड़ी के लिए विज्ञापन नहीं निकलने के बावजूद वहां बहाली हुई थी, जिसकी संपूर्ण मेधा सूची ही निरस्त कर दी गई है। गृह रक्षा वाहिनी सह अग्निशमन के पूर्व डीजी एमवी राव ने ही मेधा सूची निरस्त करने से संबंधित अनुशंसा सरकार से की थी, जिसके आलोक में यह कार्रवाई हुई है। अब नए सिरे से वरीयता सूची बनेगी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के 166 व शहरी क्षेत्र के 92 गृह रक्षकों को सूची से हटाया जाएगा।

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गृह रक्षा वाहिनी ने 771 पदों के लिए निकला था विज्ञापन

बताते चलें कि झारखंड गृह रक्षा वाहिनी रांची में वर्ष 2016 में गृह रक्षकों के 771 पदों के लिए विज्ञापन निकला था। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 362 व शहरी क्षेत्रों के लिए 409 पद शामिल थे। विज्ञापन प्रकाशन के बाद रिक्तियों के विरुद्ध विभाग ने कुल 1029 पदों पर गृह रक्षकों को बहाल कर लिया। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 528 व शहरी क्षेत्र के लिए 501 अभ्यर्थी शामिल हैं। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में 166 व शहरी क्षेत्र में 92 अतिरिक्त अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इसमें नगड़ी व इटकी प्रखंड प्रकाशित विज्ञापन में नहीं होने के बावजूद यहां के अभ्यर्थियों का चयन किया गया, जिसे पूरी तरह निरस्त किया गया है।

फर्जी आवासीय के आधार पर चयनित हुए कई गृह रक्षक

झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने एक बयान जारी कर बताया है कि सरकार ने पूरे मामले की विस्तृत जांच नहीं की। कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो फर्जी आवासीय के आधार पर होमगार्ड में चयनित हुए हैं। बिना भौतिक सत्यापन के ही प्रशिक्षण में भेजने का जो आदेश किया गया है वह झारखंड के मूल निवासियों के अधिकारों का हनन है। होमगार्ड में नियम है कि स्थानीय निवासियों का ही गृह रक्षक के रूप में नामांकन करना है। लेकिन, बड़े पैमाने पर झारखंड के बाहर के राज्यों के व्यक्तियों का चयन रांची होमगार्ड बहाली में हुआ है। उन्होंने झारखंड सरकार एवं होमगार्ड डीजी से मांग की है कि प्रशिक्षण में भेजने से पूर्व सभी गृह रक्षकों का भौतिक सत्यापन कराएं।


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