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Jharkhand: सबसे पहले 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी, सरकार ने अभिभावकों से मांगे सुझाव

Jharkhand News झारखंड के शिक्षा सचिव ने अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोडऩे का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों ने प्रजेंटेशन दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 03:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 03:31 PM (IST)
Jharkhand: सबसे पहले 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारी, सरकार ने अभिभावकों से मांगे सुझाव

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के शिक्षा सचिव राहुल शर्मा ने सबसे पहले 10वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की तैयारी की जानकारी शिक्षकों को दी। उन्होंने शिक्षकों को इसके लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बताया कि फरवरी-मार्च में मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा होने के कारण सबसे पहले इन्हीं कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी चल रही है।

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बता दें कि इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन सुझाव भी अभिभावकों से मांगे गए हैं। राज्य सरकार अन्य कक्षाओं के बच्चों के लिए कम्युनिटी स्कूल की तर्ज पर बच्चों के घर के पास ही सामुदायिक या पंचायत भवनों या अन्य जगहों पर पढ़ाई शुरू कराने की भी तैयारी कर रही है।

राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों के मॉडल को अपनाएं

शिक्षा सचिव ने अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से जोडऩे का निर्देश दिया है। उन्होंने इस बाबत इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों के मॉडल को अपनाने का निर्देश शिक्षकों को दिया है। शिक्षा सचिव शनिवार को शिक्षकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर रहे थे। मौके पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक स्मिथ कुमार सोनी तथा निरूपमा कुमारी ने ऑनलाइन प्रजेंटेशन दिया तथा बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से जोडऩे की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया।

शिक्षकों ने बताया वाट्सएप के माध्यम से उन्होंने न सिर्फ छात्र-छात्राओं को जोड़ रखा है, बल्कि अभिभावकों से भी वे ऑनलाइन जुड़े हैं। दिन में जो डिजिटल कंटेंट बच्चों को मुहैया कराया जाता है,  रात में उसका फालोअप भी करते हैं। इसके बेहतर परिणाम आए हैं।  शिक्षा सचिव ने इस दौरान शिक्षकों से पूछा कि ऑनलाइन पढ़ाई से अधिक बच्चे क्यों नहीं जुड़ रहे हैं?

उन्होंने  शिक्षकों से इसके कारण ढूंढने तथा उसका समाधान करने का निर्देश दिया। इस ऑनलाइन बैठक में राज्य के लगभग 10 हजार शिक्षकों ने शिरकत की। इनमें से कई ने अपने सुझाव भी दिए। राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया तथा प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप ङ्क्षसह ने भी बैठक को संबोधित किया।


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