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BPL कोटे की रिक्त सीटों पर नहीं होगा मनमाना नामांकन, 5 लाख आय वाले अभिभावकों के बच्चों को मौका Ranchi News

निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को प्रवेश कक्षा की 25 फीसद सीटों पर नामांकन स्कूल के आसपास के बीपीएल बच्चों का लेना अनिवार्य है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:01 PM (IST)
BPL कोटे की रिक्त सीटों पर नहीं होगा मनमाना नामांकन, 5 लाख आय वाले अभिभावकों के बच्चों को मौका Ranchi News
BPL कोटे की रिक्त सीटों पर नहीं होगा मनमाना नामांकन, 5 लाख आय वाले अभिभावकों के बच्चों को मौका Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। निजी स्कूल बीपीएल कोटे की रिक्त सीटों पर अब मनमाना नामांकन नहीं ले सकेंगे। राज्य सरकार रिक्त रह जानेवाली सीटों पर नामांकन के लिए नया नियम बना रही है। सभी निजी स्कूलों को प्रस्तावित नियम के अनुसार ही नामांकन लेना होगा। निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल के लिए आरक्षित 25 फीसद सीटें रिक्त रह जाने पर उन सीटों पर भी नामांकन संबंधित स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों के बच्चों का ही होगा।

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भले ही उनके अभिभावक बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में न हों। हालांकि इसमें अभिभावक की आय की सीमा निर्धारित की जा रही है। अभी तक की तैयारी के अनुसार, आय की अधिकतम आय सीमा सालाना पांच लाख रुपये हो सकती है। राज्य सरकार इसे अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत, इन रिक्त सीटों पर नामांकन लेने पर राज्य सरकार प्रतिपूर्ति की राशि स्कूलों को नहीं देगी। इसका वहन संबंधित अभिभावक को ही करना होगा।

बता दें कि निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों को प्रवेश कक्षा (चाहे जिस नाम से हो) की 25 फीसद सीटों पर नामांकन स्कूल के आसपास के बीपीएल बच्चों का लेना अनिवार्य है। लेकिन स्कूलों की लापरवाही व जागरुकता के अभाव में अधिसंख्य स्कूलों में इतनी सीटें नहीं भर पातीं। निजी स्कूल इन रिक्त सीटों पर मनमाने ढंग से नामांकन ले लेते हैं।

आठवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य

राज्य सरकार ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित होनेवाली आठवीं बोर्ड की परीक्षा में उन निजी स्कूलों के बच्चों को भी शामिल करना अनिवार्य कर दिया है जो निश्शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार से मान्यता लेते हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हाल ही में इस संबंध में सूचना भी जारी कर दी है।


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