Move to Jagran APP

Jharkhand Foundation Day: स्थापना दिवस पर सजी राजनीतिक बिसात... आदिवासियों को रिझाने को एक-दूसरे पर निशाना

Jharkhand Foundation Day झारखंड स्थापना दिवस पर राजनीतिक बिसात भी सज गई है। जनजातीय समुदाय को रिझाने की कवायद में जुटा लगा पक्ष-विपक्ष जमकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। दोनों तरफ से तीखे बयानों के तीर धड़ाधड़ चल रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 04:41 AM (IST)
Jharkhand Foundation Day: स्थापना दिवस पर सजी राजनीतिक बिसात... आदिवासियों को रिझाने को एक-दूसरे पर निशाना
Jharkhand Foundation Day: झारखंड में स्थापना दिवस पर राजनीतिक बिसात सज गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Foundation Day झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और स्थापना दिवस समारोह को अलग-अलग चश्मे से नहीं देखा गया, लेकिन इस बार स्थिति जुदा दिख रही है। राज्य सरकार के स्थापना दिवस समारोह के समानांतर भाजपा देश भर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को सोमवार को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएगी। वहीं, राज्य सरकार स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों को सम्मानित करेगी। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ पक्ष-विपक्ष का टकराव भी देखने को मिल रहा है। दोनों ही पक्ष आदिवासी हितों को लेकर एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। स्पष्ट कवायद जनजातीय समाज को रिझाने की है।

loksabha election banner

स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा मुंड की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की योजना पिछले दिनों रांची में हुई भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में बनी थी। अपने राजनीतिक प्रस्ताव में भाजपा एसटी मोर्चा ने यह मांग सरकार से की थी। जनजातीय मंत्रालय ने इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए होमवर्क किया और केंद्रीय कैबिनेट ने इस पर पिछले दिनों मुहर लगा दी। भाजपा ने इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय फलक का बना दिया है। इस खास मौके को और यादगार बनाने की कोई कोर कसर भाजपा के स्तर से नहीं छोड़ी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुराने बिरसा मुंडा कारागार में बने जनजातीय संग्रहालय का आनलाइन उद्घाटन करेंगे तो भाजपा बूथ स्तर तक जनजातीय गौरव दिवस मना आदिवासी हितों को उठाएगी। इधर, सत्ता पक्ष भाजपा के कार्यक्रमों को लेकर उस पर लगातार निशाना साध रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र पर निशाना साधा है। इनका कहना है कि भाजपा सिर्फ दिखावा कर रही है। भाजपा ने अपने शासनकाल में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ करने की कोशिश की।आदिवासियों पर मुकदमे लादे गए। राज्य सरकार के स्तर से भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों का सम्मानित करने का कार्यक्रम भी सोमवार को स्थापना दिवस पर रखा गया है। बहरहाल होड़ धरती आबा की जयंती के बहाने आदिवासियों को लुभाने की राजनीतिक होड़ है और इसमें कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता।

राजनीतिक मायने

धरती आबा के बहाने आदिवासियों को लुभाने के स्पष्ट राजनीतिक मायने हैं। झारखंड में सरकार उसी दल की बनती है जो दल सबसे अधिक आदिवासी बहुल सीटों पर काबिज होता है। पिछले विधानसभ चुनाव में 28 जनजातीय सीटों में भाजपा के खाते में महज दो आई थीं और उसे सत्ता से दूर होना पड़ा। भाजपा के तमाम राष्ट्रीय नेताओं ने पार्टी को आदिवासियों के अधिक से अधिक करीब पहुंचने का टास्क सौंपा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.