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Jharkhand Politics: नमाज के लिए कमरा मामला- पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी बोले, सरकारी भवनों का उपयोग सबके लिए हो

Jharkhand Government Hindi Samachar त्रिपाठी मंगलवार को मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। पूर्व मंत्री और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी नमाज पढ़ने के लिए एक अलग कमरा आवंटित किए जाने को गलत करार दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 06:33 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 06:45 PM (IST)
Jharkhand Politics: नमाज के लिए कमरा मामला- पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी बोले, सरकारी भवनों का उपयोग सबके लिए हो
Jharkhand Government, Ex Minister KN Tripathi रांची में प्रेस कांफ्रेंस करते केएन त्रिपाठी।

रांची, डिजिटल डेस्‍क। झारखंड के पूर्व मंत्री और इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने कहा है कि झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए आवंटित कमरा से संबंधित नाेटिफिकेशन को संशोधित कर उसे सभी व्‍यक्तिओं के लिए खोला जाए। सरकारी संपत्ति/सरकारी भवनों का उपयोग सबके लिए समान रूप से किया जाना चाहिए। त्रिपाठी ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि झारखंड सरकार के विधानसभा स्पीकर द्वारा गलत नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें नमाज पढ़ने के लिए एक अलग कमरा आवंटित किया गया है। उनको नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए था कि सभी धर्मों के लिए, आध्यात्म के लिए एक कमरा आवंटित किया जाता है।

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कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी ने उस अधिसूचना को वापस लेकर कमरे को सभी के लिए खुलवा दें। त्रि‍पाठी के विचार कांग्रेस से अलग दिख रहे थे। त्रिपाठी ने मोरहाबादी स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से कहा कि झारखंड की राजनीतिक संस्कृति खराब हो रही है। उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान नाच गाना करके रामलीला मैदान बनाने की परिपाटी की भी आलोचना की। कहा कि सरकार को कम से कम एक महीने का सत्र रखना चाहिए। त्रिपाठी ने कहा कि विधानसभा में डुग्गी ड्रामा करके हर बार चार दिन के सत्र को भंग कर दिया जाएगा।

विपक्ष भी नहीं चाहेगी कि‍ जनता के प्रश्न को उठाएं और सरकार भी नहीं चाहेगी कि हम प्रश्नों का जवाब दें। इस हालात में जनता की समस्याओं का समाधान कैसे होगा। कहा कि कल मैं विधानसभा गया था। वहां नाच गाना हो रहा था। मामले को घंटा दो घंटा विरोध करके राज्य के संज्ञान में लाया जा सकता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर विरोध के बाद पूरे चार दिन सत्र नहीं चला तो फिर क्या होगा। अगर एक साल में चार दिन भी जनता की समस्याओं को नहीं उठा सकते तो इस विधानसभा का मतलब क्या है? उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि नोटिफिकेशन को संशोधित करते हुए उसी कमरे को हर व्यक्ति के लिए खोला जाए।


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