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Jharkhand Elections: रघुवर की जय-जय... पहली दावेदारी दास की, कांग्रेस-झामुमो में शह-मात का खेल

Jharkhand Rajya Sabha Election राज्यसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं। राजनीतिक दलों में चुनावी सक्रियता बढ़ती जा रही है। कांग्रेस जहां झामुमो से एक सीट मांग रही है वहीं भाजपा नेता जयपुर में प्रत्याशियों पर सहमति बनाने की कवायद करेंगे। आज प्रमुख भाजपा नेता जयपुर जाएंगे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 11:45 PM (IST)
Jharkhand Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव की एक सीट पर भाजपा में पहली दावेदारी रघुवर दास की मानी जा रही।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Rajya Sabha Election झारखंड में मौजूदा सियासी उठापटक के बीच राज्यसभा चुनाव की चर्चा ही भले ही थोड़ी कम हो रही हो लेकिन राजनीतिक दलों में खाली हो रही राज्यसभा की दो सीटों को लेकर सक्रियता तेज हो गई है। दस जून को होने वाले चुनाव के लिए झामुमो, भाजपा व कांग्रेस किसी ने भी अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। झामुमो और कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर जहां रस्साकशी चल रही है वहीं, भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा इसे लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है।

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जयपुर में प्रत्याशियों के नाम पर होगा फैसला

बताया जा रहा है कि भाजपा की 19 मई से जयपुर में होने वाली तीन दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में झारखंड समेत अन्य राज्याें के राज्यसभा प्रत्याशियों पर सहमति बन जाएगी। राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में इस वर्ष राज्यों में होने वाले चुनाव के साथ-साथ राष्ट्रपति चुनाव पर भी मंथन किया जाएगा। बैठक में झारखंड से प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, संगठन महामंत्री धर्मपाल, एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव शामिल होंगे।

गुरुवार को जयपुर रवाना होंगे भाजपा नेता

भाजपा नेता जयपुर के लिए गुरुवार को प्रस्थान करेंगे। भाजपा में फिलहाल प्रत्याशी के तौर पर रघुवर दास कद के हिसाब से सबसे बेहतर चेहरा हैं। रघुवर ही केंद्रीय व प्रदेश नेतृत्व की पहली पसंद भी बताए जाते हैं। रघुवर के इन्कार के बाद ही भाजपा में किसी दूसरे उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जाएगा। रघुवर के करीबियों की मानें तो उनकी प्रत्याशी बनने में कोई रुचि नहीं है। हालांकि नेतृत्व का दबाव पड़ने पर वे इन्कार की स्थिति में भी नहीं रहेंगे। रघुवर दास के अलावा अन्य चेहरों की बात करें तो राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा जैसे कुछ चेहरे सामने आते हैं। लेकिन इन पर विचार रघुवर दास के बाद ही किया जाएगा। प्रत्याशी न बनने की स्थिति में रघुवर की राय भी अहम मानी जाएगी।

2016 के मुकाबले झारखंड में भाजपा को होगा एक सीट का नुकसान

राज्यसभा में एक-एक सीट किसी भी राजनीतिक दल के लिए अहम होती है। निकट ही राष्ट्रपति चुनाव है, इसलिए इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। इस लिहाज से देखें तो झारखंड में भाजपा को 2016 के मुकाबले एक सीट का नुकसान होना तय है। 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा दोनों सीटें जीतने में सफल रही थी।

बाबूलाल मरांडी को निपटाने में लगी झामुमो

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सत्तापक्ष ने ठान लिया है कि बाबूलाल मरांडी की सदस्यता लेंगे ही। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 में कहा था कि भाजपा विपक्ष के नेता के पद के लिए तरस जाएगी। उस समय भी मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित था और ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री स्पीकर के न्यायाधिकरण पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मामले में सुनवाई के दौरान राजकुमार यादव कहते दिख रहे हैं कि बाबूलाल गए। जजमेंट आता रहेगा। सत्ता पक्ष के विधायक को पता है कि जजमेंट क्या आने वाला है। यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। सत्तापक्ष स्पीकर के न्यायाधिकरण पर न्यायाधिकरण के भीतर और बाहर भी दबाव बनाने में लगा है।

राजस्थान पहुंचे भाजपा नेताओं का हुआ स्वागत

भाजपा की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में राजस्थान के जयपुर पहुंचे प्रदेश के भाजपा नेताओं का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास का जयपुर में परंपरागत रूप से पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं जयपुर जाने के क्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और समीर उरांव का स्थानीय कार्यकर्ताओं ने पावटा में स्वागत किया।

फैसला आने से पहले सुना रहे फैसला : भाजपा

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में पूर्व विधायक राजकुमार यादव का एक वीडियो जारी करते हुए कुछ सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर न्यायाधिकरण का फैसला आने से पहले ही राजकुमार यादव फैसला सुना रहे हैं। सत्ता पक्ष ने ठान लिया है कि बाबूलाल मरांडी की सदस्यता लेकर ही मानेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि भाजपा विपक्ष के नेता के पद के लिए तरस जाएगी। उस समय भी मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित था। उन्होंने आशंका जताई कि मुख्यमंत्री स्पीकर न्यायाधिकरण पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।


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