E-Pass Jharkhand के लिए ये तरीका आजमाएं, अबतक 7.58 लाख लोगों ने बनाए ई-पास, आज 5 लाख पास बंटे
Jharkhand Epass Apply Online epassjharkhand.nic.in झारखंड में लॉकडाउन के बीच सोमवार देर शाम तक कुल 7.58 लाख ई-पास निर्गत किए जा चुके हैं। इनमें से पांच लाख से अधिक पास सोमवार को ही बने हैं। 28 हजार से अधिक ई-पास इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए बने हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Epass Apply Online @ epassjharkhand.nic.in सोमवार को ई-पास बनने की प्रक्रिया तेज होने के बाद देर शाम तक कुल 7.58 लाख पास निर्गत हो चुके थे। इनमें से पांच लाख से अधिक पास सोमवार को ही बने हैं। कुल बने ई-पासों के हिसाब से 28 हजार से अधिक ई-पास इंटरस्टेट मूवमेंट के लिए बने हैं जिनमें 5026 पास धनबाद के लोगों ने बनवाए हें। एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए 1.53 लाख लोगों ने पास बनवाए हैं और इनमें सर्वाधिक 22909 पूर्वी सिंहभूम जिले के हैं। हालांकि जिले में ही रहकर काम करने के लिए पास निकलवानेवालों में सर्वाधिक संख्या रांची (1,34,310) है। 11022 लोगों ने दूसरे राज्यों से झारखंड आने के लिए ई-पास बनवाए हैं।
बीएससी पास युवाओं को प्रशिक्षण देकर ले सकते हैं कोविड मैनेजमेंट में सपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना से निपटने के लिए देश के जिन नौ चिकित्सकों से सुझाव लिए उनमें राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के क्रिटिकल केयर यूनिट के विभागाध्यक्ष डा. प्रदीप भट्टाचार्य भी शामिल थे। डा. भट्टाचार्य ने कोविड मैनेजमेंट में मानव संसाधन की कमी का जिक्र करते हुए सुझाव दिया कि बीएससी पास बेरोजगार युवाओं को तीन हफ्ते का प्रशिक्षण देकर कोविड मैनेजमेंट सपोर्ट में लगाया जा सकता है। ये इलाज नहीं करेंगे, लेकिन चिकित्सक व नर्स को आवश्यक सपोर्ट प्रदान कर सकते हैं।
इस क्रम में उन्होंने पीएम केयर फंड से भेजे गए कई वेंटिलेटर के खराब होने की भी शिकायत प्रधानमंत्री से की। इसके बाद पीएमओ से इसे लेकर रिपोर्ट मांगी गई। बताया जाता है कि लगभग 45 वेंटिलेटर ठीक से काम नहीं कर रहे थे।डा. भट्टाचार्य ने प्रधानमंत्री से कहा कि कोविड वार्ड में 24 घंटे तकनीकी स्टाफ की जरूरत पड़ती है। खासकर ऑक्सीजन सपोर्ट ले रहे मरीजों की देखभाल के लिए। ऑक्सीजन सप्लाई में कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए तकनीकी स्टाफ की आवश्यकता होती है। ये सभी काम प्रशिक्षण के बाद बीएससी पास युवा कर सकते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोग की जानेवाली सभी प्रकार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो। इससे पहले, उन्होंने बताया कि रिम्स में किस तरह 250 बेड से बढ़ाकर 1000 बेड किए गए। 750 आक्सीजन बेड तथा सौ से अधिक वेंटिलेटर बेड सुनिश्चित किए गए। उन्होंने कहा कि यहां मानव संसाधन की कमी खल रही है।
उन्होंने टीकाकरण की गति बढ़ाने तथा राज्य को अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराने की भी मांग की। प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि उनके सुझाव पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कोविड टास्क फोर्स में शामिल डा. प्रभात कुमार, डा. निशिथ एक्का, डा. विवेक कश्यप, डा. अमित डुंगडुंग, डा. ऋषि गुड़िया, गोड्डा सदर अस्पताल के चिकित्सक डा. राजीव रंजन आदि भी शामिल हुए।