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टैब में रघुवर दास के वीडियो पर शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट, बंद स्कूलों के फिर से खोलने पर फैसला जल्‍द

शिक्षा मंत्री ने प्रधान सचिव एपी सिंह से पूछा कि स्कूलों को दिए टैब में अब भी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का वीडियो क्यों आ रहा है? उन्होंने प्रधान सचिव को इसपर रिपोर्ट देने को कहा

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 09:31 PM (IST)
टैब में रघुवर दास के वीडियो पर शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट, बंद स्कूलों के फिर से खोलने पर फैसला जल्‍द
टैब में रघुवर दास के वीडियो पर शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट, बंद स्कूलों के फिर से खोलने पर फैसला जल्‍द

रांची, राज्य ब्यूरो। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के नवनियुक्त मंत्री जगरनाथ महतो ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे अपना पदभार ग्रहण कर लिया। पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह से पूछा कि स्कूलों को दिए गए टैब में अब भी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का वीडियो क्यों आ रहा है? उन्होंने प्रधान सचिव को इसपर रिपोर्ट देने को कहा। इस पर प्रधान सचिव ने मंत्री को बताया कि इसपर उन्हें ही निर्णय लेना है और फाइल मंत्री सेल को भेज दी गई है।

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बताते चलें कि पिछली सरकार में लगभग 35 हजार स्कूलों को दिए गए टैब को खोलने पर उसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास का एक वीडियो आता है, जिसमें वे डिजिटल इंडिया को प्रोत्साहित करते नजर आते हैं। इस वीडियो को हटाया नहीं जा सका है, क्योंकि टैब के निर्माण में ही उस वीडियो को उसमें शामिल किया गया है। लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के कारण टैब का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया गया था। इस टैब से शिक्षकों की बायोमिट्रिक उपस्थिति भी बनती है तथा स्कूलों से संबंधित रिपोर्टिंग भी की जाती है।

इधर, पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से रूबरू मंत्री ने कहा कि विभाग में अधिकारियों के साथ-साथ सभी के सहयोग और समन्वय से शिक्षा की बेहतरी के लिए काम होगा। उन्होंने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण पर भी अधिकारियों के साथ शीघ्र विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही। कहा कि वे विपक्ष में रहते हुए लगातार पारा शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते रहे हैं। इस मौके पर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक उमाशंकर सिंह ने पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान के लिए प्रस्तावित सेवाशर्त नियमावली और उसपर आए पारा शिक्षकों के सुझाव से संबंधित रिपोर्ट भी मंत्री को सौंपी।

तय हुआ कि मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक पांच फरवरी को होगी, जिसमें इसपर विमर्श कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने स्कूलों के विलय पर भी अधिकारियों के साथ विमर्श कर निर्णय लेने तथा बंद स्कूलों को फिर से खोलने की बात कही। उन्होंने शिक्षा से जुड़े अन्य सभी विषयों की समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लेने की बात कही। उन्होंने प्राइवेट व सरकारी इंटर कॉलेजों के लिए समान शर्त नहीं होने पर भी सवाल उठाया।

प्राइवेट स्कूलों पर कसेगा शिकंजा

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने तथा फीस नियंत्रण की भी बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे प्राइवेट स्कूल अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन बड़े स्कूलों जैसे डीपीएस, डीएवी आदि पर वे जरूर शिकंजा कसेंगे। प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाने या अन्य मामले में मनमानी नहीं कर सकते।

गुलदस्ता नहीं, किताब-कॉपी दीजिए

शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों द्वारा गुलदस्ता देने पर सवाल उठाते हुए इसे फिजूलखर्ची बताया। कहा कि इससे अच्छा होता कि वे किताब-कॉपी देते। कहा कि यह उनकी मन की बात है। बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी गुलदस्ता के बजाए किताबें देने की अपील लोगों से की है।

निपटाई पारा शिक्षकों के मानदेय की पहली फाइल, नहीं की कार्रवाई

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री के रूप में जगरनाथ महतो ने सबसे पहले पारा शिक्षकों के मानदेय से संबंधित फाइल निपटाई। इसके तहत पारा शिक्षकों के फरवरी माह के मानदेय के लिए 72 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली। अधिकारियों ने बताया कि पारा शिक्षकों के जनवरी माह तक का मानदेय अपडेट हो गया है।

पहला दिन अशुभ काम नहीं, भरोसा है फंसाइएगा नहीं

 मंत्री के पास एक फाइल किसी पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई के संबंध में लाई गई। इसपर उन्होंने कहा कि पहले दिन वे कोई अशुभ काम नहीं करेंगे। यह भी कहा कि उनके लिए कार्रवाई नहीं काम प्रमुख है। काम नहीं करेगा तो कार्रवाई होगी। उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव तथा राज्य परियोजना निदेशक को कहा कि उन्हें दोनों पर पूरा विश्वास है। हंसी के लहजे में कहा कि सिर्फ ऐसा नहीं कीजिएगा कि वे बाद में फंस जाएं। 


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