Jharkhand E-Pass: हेमंत सरकार ने चेताया, ई-पास को मजाक बनाया, तो भेज देंगे जेल
Jharkhand E-Pass epassjharkhand.nic.in झारखंड में ई-पास को लेकर बड़ा हंगामा खड़ा हो गया है। यहां-वहां जहां-तहां बाबा का ढाबा और कभी खुशी कभी गम के लिए ई-पास लेना अब महंगा पड़ेगा। सरकार ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी है कि गलत जानकारी पर अब उन्हें जेल भेजा जाएगा।
रांची, जेएनएन। Jharkhand E-Pass @ epassjharkhand.nic.in झारखंड में ई-पास को लेकर बड़ा हंगामा खड़ा हो गया है। यहां-वहां, जहां-तहां, बाबा का ढाबा और कभी खुशी कभी गम के लिए ई-पास लेना अब जन सामान्य को महंगा पड़ेगा। राज्य सरकार ने ऐसे लोगों को कड़ी चेतावनी दी है कि गलत जानकारी पर अब उन्हें सीधे जेल भेजा जाएगा। परिवहन विभाग ने कहा है कि पास लेने के लिए काई भी व्यक्ति अगर गलत जानकारी देगा तो उस पर पुलिस कानूनी प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई करेगी।
मजाक बनाने वालों पर सख्त हुई सरकार
कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में जरूरी काम निपटाने के लिए 16 मई से ई-पास के बिना घर से बाहर नहीं निकलने का आदेश दिया है। ऐसे में परिवहन विभाग बीते 15 मई से जरूरतमंदों को ई-पास जारी कर रहा है। इसके लिए epassjharkhand.nic.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देकर ई-पास प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। बहरहाल अब ई-पास का मजाक बनाने वालों पर सरकार सख्त हो गई है।
अबतक आसान थी प्रक्रिया, अब मोबाइल वेरीफिकेशन जरूरी
ई-पास के लिए epassjharkhand.nic.in पोर्टल में तमाम जानकारी फीड करने के बाद ई-पास ऑटोमेटिक जारी हो जाता है। इसके लिए किसी कार्यालय का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है, और न ही किसी को ई-पास के एवज में नाजायज पैसे देने की लाचारी होती है। इस पोर्टल से आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही ऑनस्पॉट ई-पास जारी कर दिया जाता है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक अब मोबाइल वेरीफिकेशन के बाद ही ई-पास जारी किया जाएगा।
परिवहन सचिव ने रांची एसएसपी को लिखा पत्र
झारखंड सरकार के परिवहन सचिव केके सोन ने ई-पास में गलत जानकारी भरकर इसका मजाक बनाने के मामले में संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए रांची के एसएसपी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने पहले ही ई-पास के नीचे चेतावनी दी है कि अगर आपने ई-पास के लिए गलत जानकारी दी, तो आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। बहरहाल, रांची पुलिस की साइबर सिक्यूरिटी सेल गलत जानकारी देकर ई-पास बनवाने वालों को पकड़ने में जुट गई है। पुलिस उस मोबाइल नंबर और आइपी एड्रेस का पता कर रही है, जिसके जरिये मजाक वाला ई-पास बनाया गया है।
अब भी ई-पास बनवाने में आ रही कई दिक्कतें
16 मई से 27 मई तक झारखंड में लॉकडाउन लागू होने के बाद आम लोगों को जरूरत पड़ने पर कहीं आने-जाने के लिए ई-पास की व्यवस्था की गई है। हालांकि, इसमें कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। रोजमर्रा की जरूरतों का सामान खरीदने के लिए दिन में तीन घंटे की वैधता वाला ई-पास दिया जा रहा है। लेकिन, अगले दिन दूसरी बार ई-पास के लिए आवेदन करने पर पहले वाला का ही रिक्वेस्ट अप्रूव्ड मैसेज शो कर रहा है। बताया जा रहा है कि सिस्टम एक दिन पुराने पास को ही वैध मानकर नया ई-पास जारी करने से मना कर दे रहा है।
पूर्व मंत्री नीलकंठ मुंडा ने उठाए थे सवाल
बता दें कि ई-पास की आधी-अधूरी व्यवस्था को लेकर लगातार हेमंत सरकार का मजाक उड़ाया जा रहा था। कुछ दिन पहले ही पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने ई-पास पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। तब बाबा का ढाबा और कभी खुशी कभी गम के नाम पर ई-पास बनाए जाने की बात सार्वजनिक हुई थी। इस मजाक के बाद परिवहन विभाग हरकत में आया और सचिव केके सोन के निर्देश पर पांच ऐसे ई-पास पकड़ में आए। जिसमें यहां-वहां, जहां-तहां, बाबा का ढाबा और कभी खुशी कभी गम जैसे शब्दों का इस्तेमाल पास बनवाने वाले ने किया था। ई-पास में मोबाइल नंबर, वाहन नंबर के साथ पहचान पत्र भी फर्जी डाला गया। इसके बाद सभी आवेदकों को ई-पास जारी कर दिया गया।