दीदी बगिया योजना से झारखंड के किसान बन रहे उद्यमी, इतनें किसान कर रहे खेती
Jharkhand News 2021 में झारखंड सरकार ने मनरेगा योजनाओं में पौधे की मांग एवं गुणवत्तापूर्ण पौधे की झारखंड में कमी के मद्देनजर मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना को शुरू किया गया। इस योजना के तहत किसानों को पौधा तैयार करने का अवसर मिला।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News : बिरसा हरित ग्राम सहित अन्य बागवानी योजनाओं के लिए पौधों की जरूरत पूरी करने और ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने की दोहरी मंशा को ध्यान में रखकर शुरू की गई दीदी बगिया योजना के सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। गुमला के रायडीह स्थित सिलम गांव निवासी माइकल एक्का समेत सैकड़ों ऐसे किसान हैं जो मनरेगा की इस योजना से लाभान्वित हुए हैं और इन्होंने राज्य के लिए परिसंपत्तियों के सृजन में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।
ऐसे हो रहा दीदी बगिया का क्रियान्वयन
2021 में झारखंड सरकार ने मनरेगा योजनाओं में पौधे की मांग एवं गुणवत्तापूर्ण पौधे की झारखंड में कमी के मद्देनजर मनरेगा के तहत दीदी बगिया योजना को शुरू किया गया। इसके माध्यम से सरकार झारखंड के किसानों को एक उद्यमी के रूप में भी तैयार करने की मंशा रखती थी।
इस योजना के तहत झारखंड के प्रशिक्षित किसानों को पौधा तैयार करने का अवसर मिला और सरकार ने पौधे की खरीदारी मनरेगा योजना के तहत सुनिश्चित की। इससे किसान इस कार्यक्रम से जुड़े और उनके आत्मविश्वास को बल मिला। किसान इमारती पौधों शीशम, गम्हार, सागवान एवं आम के फलदार पौधे आम्रपाली, मालदा, मल्लिका एवं अन्य प्रजाति के पौधे तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराने लगे हैं।
माइकल की कड़ी मेहनत का मिला परिणाम
झारखंड के अन्य किसानों के साथ माइकल एक्का को बागवानी एवं पौधा तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। माइकल एक्का ने वर्ष 2021-22 में दीदी नर्सरी योजना के जरिए अपनी नर्सरी में शीशम, गम्हार, सागवान और आम के करीब 8000 पौधे तैयार किए।
इन पौधों को मनरेगा की बागवानी योजना के तहत झारखंड सरकार द्वारा क्रय कर लिया गया। इससे माइकल को 25 हजार रुपये की आमदनी हुई। दीदी बगिया योजना माइकल के लिए अतिरिक्त आजीविका का साधन बनी।