दिल्ली में नाबालिग के जिस्म से बुझाते रहे प्यास, अब बन गई बिन ब्याही मां
jharkhand crime news मानव तस्करी और नाबालिग के जिस्म से खेलने की यह शर्मनाक कहानी दिल्ली में घटित हुई है। पीड़िता झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली है। वह बिन ब्याही मां बन चुकी है। अब उसके नवजात का क्या होगा सबसे बड़ा सवाल सामने है। पढ़िए- कहानी
गुमला, जागरण संवाददाता। मानव तस्करी की शिकार गुमला की नाबालिग 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने 4 दिन पहले यानी 15 जनवरी 2022 को दिल्ली में एक बेटी को जन्म दिया है। उसे 9 माह पहले सिमडेगा के कोलेबिरा की एक महिला मानव तस्कर दिल्ली ले गई थी, जहां वह घर में काम करती थी।
नवजात को अपनाने से इन्कार कर दिया
फिलहाल नाबालिक किशोरी की मां ने नवजात को अपनाने से इन्कार कर दिया है। नाबालिक को सीडब्ल्यूसी दिल्ली के संरक्षण में आश्रय गृह में रखा गया है। वहीं, उसके नवजात बच्ची को चैरिटी में रखा गया है। दिल्ली पुलिस की सूचना पर नाबालिग की मां को इस घटना की जानकारी मिली।
नाबालिग को दिल्ली से लाने की प्रक्रिया तेज
पीड़िता की मां ने बुधवार को सीडब्ल्यूसी गुमला पहुंचकर अपनी बेटी को दिल्ली से वापस लाने के लिए मदद की मांग की। सीडब्ल्यूसी गुमला के संज्ञान में मामला आने के बाद नाबालिग को दिल्ली से लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
मानव तस्करी की शिकार हुई पीड़िता
गुमला और सिमडेगा ही नहीं झारखंड के कई आदिवासी बहुल जिलों में आए दिन मानव तस्करी के मामले उजागर होते रहते हैं। बड़ी संख्या में इन इलाकों से लड़कियां तस्करी कर दिल्ली के बाजारों में बेच दी जा रही हैं। आए दिन मानव तस्करों के चंगुल से लड़कियां आजाद कराई जाती हैं। सरकार द्वारा मानव तस्करी को रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए गए हैं, लेकिन इन उपायों का कहीं कोई असर नहीं दिख रहा है।
आठवीं कक्षा की छात्रा है पीड़िता
नाबालिग किशोर की मां ने बताया कि उसके पति का निधन हो गया है। वह किसी तरह अपनी बेटी की परवरिश कर रही है। बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती है। चूंकि लॉकडाउन के कारण सभी स्कूल बंद चल रहे थे, इसलिए वह घर में रह रही थी।
दिल्ली में बेटी से नहीं मिलने दिया गया
पीड़िता की मां के अनुसार, कोलेबिरा में उसके एक रिश्तेदार रहते हैं। 10 माह पहले उसकी बेटी अपने रिश्तेदार के यहां गई थी। वहीं से कोई महिला उसकी बेटी को अपने साथ लेकर दिल्ली चली गई। पीड़िता की मां ने बताया कि जब उसे पता चला कि उसकी बेटी को दिल्ली ले जाया गया है, तो वह अपनी बेटी को लाने के लिए दिल्ली गई थी, लेकिन अपनी बेटी से नहीं मिल पाई। उसे अपनी बेटी से नहीं मिलने दिया गया। अंततः वह खाली हाथ लौट आई।
किशोरी को गुमला लाने का होगा प्रयास
उधर सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन कृपा केस ने बताया कि पीड़ित परिवार ने लिखित आवेदन दिया है इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। प्रक्रिया के तहत पीड़ित परिवार के घर की जांच के बाद दिल्ली सीडब्ल्यूसी से संपर्क कर किशोरी को गुमला लाने की कवायद की जाएगी साथी नवजात बच्ची को गुमला लाएंगे।