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Jharkhand हाई कोर्ट में कोविड अस्पताल, एडवोकेट एसोसिएशन ने दाखिल की याचिका

Jharkhand Covid Crisis कोरोना से संक्रमित हो रहे अधिवक्ता उनके लिपिकों और उनके परिवार के सदस्यों के बेहतर इलाज के लिए हाई कोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र को 30 बेड वाले कोविड अस्पताल बनाने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 04:31 AM (IST)
Jharkhand हाई कोर्ट में कोविड अस्पताल, एडवोकेट एसोसिएशन ने दाखिल की याचिका
Jharkhand Covid Crisis: हाई कोर्ट में 30 बेड वाले कोविड अस्पताल बनाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Covid Crisis कोरोना से संक्रमित हो रहे अधिवक्ता, उनके लिपिकों और उनके परिवार के सदस्यों के बेहतर इलाज के लिए हाई कोर्ट के स्वास्थ्य केंद्र को 30 बेड वाले कोविड अस्पताल बनाने की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है। झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने याचिका दाखिल की है। संभावना जताई जा रही है कि इस याचिका पर शनिवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

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याचिका में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान एसोसिएशन के सदस्य सभी प्रकार की एहतियात बरत रहे हैं। मौजूदा स्थिति में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और बड़ी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। राज्य के अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा गई है। ऐसे में हाई कोर्ट के वकीलों और इनके परिजनों के लिए हाई कोर्ट परिसर में स्थित स्वास्थ्य केंद्र को 30 बेड वाले कोविड अस्पताल में तत्काल बदलने का निर्देश सरकार को दिया जाए। यहां ऑक्सीजन युक्त बेड, जरूरी दवाएं, एंबुलेंस, मेडिकल स्टॉफ और अन्य संसाधन भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है, ताकि संक्रमित लोगों को तत्काल इलाज मिल सके।

बार काउंसिल ने सभी जिला बार संघ भवन बंद करने का दिया आदेश

झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने राज्य के सभी जिलों के बार संघों का भवन बंद करने का आदेश दिया है। बार भवनों में वकील, उनके स्टॉफ समेत किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बड़ी संख्या में वकीलों के संक्रमित होने के बाद बार काउंसिल ने यह निर्णय किया है। इस संबंध में काउंसिल ने राज्य के सभी बार संघों को आदेश भेज कर इसका पालन करने का निर्देश दिया है। आदेश का पालन नहीं करने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

इसके अलावा बार काउंसिल ने राज्य की किसी भी अदालत में वकीलों के फिजिकल सुनवाई में शामिल होने पर भी रोक लगा दी है। काउंसिल ने अपने आदेश में कहा है कि न्यायिक या कार्यपालक किसी भी कोर्ट में वकील फिजिकल सुनवाई में शामिल न हो। उधर बार काउंसिल ने सभी बार संघों से 15 दिनों तक अदालत की कार्यवाही स्थगित रखने के प्रस्ताव पर सहमति मांगी है। इस पर कई जिला संघों ने सुनवाई स्थगित करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्द ही बार काउंसिल इस संबंध में चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिवक्ताओं की भावना से अवगत कराएगी।


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