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Coronavirus Update: कोरोना संक्रमित को नहीं करना होगा इंतजार, 48 घंटे में पूरी होगी कांटेक्ट ट्रेसिंग

Jharkhand Coronavirus Update झारखंड सरकार ने कोरोना ट्रेसिंग टेस्टिंग व ट्रीटमेंट के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया है। शहरी क्षेत्रों में तीन-तीन वार्डों का क्लस्टर बनेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 01:35 PM (IST)
Coronavirus Update: कोरोना संक्रमित को नहीं करना होगा इंतजार, 48 घंटे में पूरी होगी कांटेक्ट ट्रेसिंग
Coronavirus Update: कोरोना संक्रमित को नहीं करना होगा इंतजार, 48 घंटे में पूरी होगी कांटेक्ट ट्रेसिंग

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Coronavirus Update अब किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उसके संपर्क में आनेवाले सभी लोगों की 24 घंटे या अधिकतम 48 घंटे की भीतर पहचान कर उसकी जांच कराई जाएगी। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हाल के दिनों में कोरोना के संक्रमण बढऩे, संभावित मरीजों की पहचान लंबित रहने तथा इसे लेकर लगातार शिकायतें मिलने के बाद राज्य सरकार ने पहली बार कोरोना ट्रेसिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया है।

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स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। इस फ्रेमवर्क में शहरी क्षेत्रों में कोरोना से निपटने के लिए एक से तीन वार्डों का क्लस्टर बनाने को कहा गया है। प्रत्येक जिले में एक-एक डेडीकेटेड सिंगल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक क्लस्टरों में पॉजिटिव केस मैनेजमेंट टीम तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग मैनेजमेंट टीम गठित की जाएगी। वहीं, कोविड केयर सेंटरों तथा अस्पतालों में डिस्चार्ज मॉनिटरिंग टीम काम करेगी।

फ्रेमवर्क में सात स्टेप के माध्यम से तीनों टीमों तथा उनके प्रत्येक सदस्यों की अलग-अलग जिम्मेदारी तय कर दी गई है। टेस्टिंग लैब से सूचना किस तरह जिला आडीएसपी तथा राज्य आइडीएसपी के अलावा जिला कंट्रोल रूम के पास जाएगी और कंट्रोल रूम द्वारा किस तरह संक्रमित पाए गए मरीज तथा उसके संपर्क में आनेवाले लोगों की लाइन लिस्ट पॉजिटिव केस मैनेजमेंट टीम तथा कांटेक्ट ट्रेसिंग मॉनिटरिंग टीम को उपलब्ध कराई जाएगी, इन सभी का निर्धारण फ्रेमवर्क में कर दिया गया है।

संक्रमित को किस स्तर की फैसिलिटी में भर्ती करना है, इसे मरीज की हालत का मूल्यांकन करते हुए पॉजिटिव केस मैनेजमेंट टीम डॉक्टर के परामर्श से तय करेगी। यह टीम एडवांस में संबंधित फैसिलिटी के पास मरीज की पहुंचने की सूचना प्रदान करेगी। कांटेक्ट ट्रेसिंग एंड मॉनीटरिंग टीम मरीज के संपर्क में आनेवाले सभी लोगों की 24 घंटे या अधिकतम 48 घंटे के भीतर पहचान कर पूरी सूची जिला कंट्रोल रूम तथा जिला आइडीएसपी को देगी। 48 घंटे के भीतर ही सभी की जांच होगी।

ऐसी होगी तीनों टीमों की संरचनाएं

  • पॉजिटिव केस मैनेजमेंट टीम में इंसीडेंट कमांडर, स्वास्थ्य कर्मी या आइडीएसपी, संबंधित थाना तथा जिला प्रशासन के एक-एक प्रतिनिधि रहेंगे।
  • कांटेक्ट ट्रेसिंग एंड मॉनीटरिंग टीम में इंसीडेंट कमांडर के प्रतिनिधि, संबंधित थाने का एएसआइ या एसआइ, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी या अर्बन हेल्थ मैनेजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहिया, कम्युनिटी लीडर तथा सिविल सोसाइटी के सदस्य रहेंगे।
  • फैसिलिटी डिस्चार्ज मॉनीटरिंग टीम में कोविड अस्पताल के प्रतिनिधि, जिला आइडीएसपी के प्रतिनिधि, मरीज के होम आइसोलेशन में रहने पर इंसीडेंट कमांडर शामिल होंगे।

अभी क्या हो रहा

  • कई मरीजों ने शिकायत की है कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उनसे संपर्क नहीं किया गया।
  • जो मरीज पॉजिटिव होता है उसके कांटेक्ट की ट्रेसिंग की प्रक्रिया बहुत ढीली है। हफ्ते, दस दिन तक कोई पूछता नहीं। इससे संक्रमण और तेजी से फैल रहा।
  • कई कोविड अस्पतालों में देखभाल की व्यवस्था अच्छी नहीं। होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति पर नजर रखने का जिम्मेदारी नही बंटी। इससे संक्रमित या संभावित संक्रमित मरीज आराम से घूमता रहता है। 

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