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Jharkhand Coronavirus News: झारखंड में काबू में रहा कोरोना वायरस, रिकवरी रेट बेहतर

Jharkhand Coronavirus Update लैंसेट ने झारखंड को कोरोना के जोखिम वाले राज्यों में चौथे स्थान पर रखा है। सभी जिलों में जांच केंद्र बनाए गए। विशेष जांच अभियान से भी बात बनी। अनुमान के मुताबिक कम नुकसान हुआ।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:46 PM (IST)
Jharkhand Coronavirus News: झारखंड में काबू में रहा कोरोना वायरस, रिकवरी रेट बेहतर
झारखंड में आबादी के हिसाब से काफी कम संक्रमण हुआ।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड ने स्वास्थ्य संरचनाओं में पीछे रहते भी कोरोना को काबू में करने में सफलता हासिल की है। पहले कहा जा रहा था कि स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी पीछे होने के कारण झारखंड में कोरोना का प्रभाव अधिक पड़ सकता है। यहां तक कि ग्लोबल मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' ने भी अपने एक अध्ययन में राज्यों में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं, वहां के स्वास्थ्य सूचकांकों, सामाजिक-आर्थिक हालात, शिक्षा, जनसंख्या में आयुवर्ग अनुपात, घरों की सघनता तथा साफ-सफाई के आधार पर बताया था कि झारखंड सबसे अधिक जोखिम वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार और तेलंगाना के बाद चौथे स्थान पर है।

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लेकिन यहां कोरोना से निपटने को लेकर राज्य सरकार की तैयारी, बेहतर सर्विलांस, आइसोलेशन के बेहतर प्रबंधन तथा मरीजों के सही व समय पर इलाज होने के कारण झारखंड में उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना कि अनुमान लगाया जा रहा था। वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र में अग्रणी रहे कई राज्यों में झारखंड से अधिक नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने सभी जिलों में न केवल जांच की सुविधा बहाल कर कोरोना की जांच सुनिश्चित कराई, बल्कि जांच के कई विशेष अभियान भी चलाए गए।

कोरोना की जांच की व्यवस्था मेडिकल काॅलेजों, जिला अस्पतालों से लेकर कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाई गई। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भी व्यापक प्रबंध किए गए। इसमें राज्य के चिकित्सकों व पारा मेडिकल कर्मियों ने भी बेहतर भूमिका निभाई। इसका परिणाम यह हुआ कि यहां आबादी के हिसाब से कई राज्यों से काफी कम संक्रमण हुआ। रिकवरी रेट भी बेहतर रहा तथा मौत भी अन्य कई राज्यों से कम हुई। कोरोना के सभी इंडीकेटर राष्ट्रीय दर से बेहतर रहे।

इधर, कोरोना काल में ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के कई कार्यक्रम भी बेहतर ढंग से संचालित हो सके। मसलन, इस पीरियड में जहां कई राज्यों ने फाइलरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान तथा पल्स पोलिया के विशेष अभियान चलाने से इंकार कर दिया, वहीं झारखंड ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। यह तब संभव हो सका जब स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान कोरोना से निपटने में लगा हुआ था।

फैक्ट फाइल

- 10 लाख लोगों पर झारखंड में 1,26,361 लोगों की कोरोना जांच हुई।

- 10 लाख लोगों पर यहां 3,052 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

ऐसे झारखंड रही बेहतर स्थिति में

इंडीकेटर - भारत - झारखंड

रिकवरी रेट 95.80 फीसद 97.70 फीसद

मृत्यु दर 1.50 फीसद 0.89 फीसद

सात दिनों में औसत वृद्धि 0.20 फीसद 0.14 फीसद

मरीजों के दोगुना होने की दर 355 दिन 492 दिन


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