Move to Jagran APP

Coronavirus Lockdown 2.0: बिहार ने की 7 लाख मजदूरों की सहायता, झारखंड अब भी मुंह ताक रहा

Jharkhand Coronavirus Lockdown 2.0 राज्य के बाहर फंसे मजदूरों को एक हजार रुपये देने पर मंत्रिमंडल उपसमिति के सदस्य तो सहमत हैं लेकिन 2000 रुपये देने पर फंड की कमी का रोना रो रहे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 10:22 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 07:34 AM (IST)
Coronavirus Lockdown 2.0: बिहार ने की 7 लाख मजदूरों की सहायता, झारखंड अब भी मुंह ताक रहा
Coronavirus Lockdown 2.0: बिहार ने की 7 लाख मजदूरों की सहायता, झारखंड अब भी मुंह ताक रहा

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Coronavirus Lockdown 2.0 झारखंड के बाहर फंसे मजदूरों को तात्कालिक राहत के तौर पर एक हजार रुपये देने पर मंत्रिमंडल उपसमिति के सदस्य तो सहमत हैं लेकिन 2000 रुपये देने की स्थिति में फंड की कमी का रोना शुरू हो गया है। गुरुवार को मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक इसी आधार पर टाल दी गई कि इस मसले पर शुक्रवार को फिर से विचार कर मुख्यमंत्री से अनुमति ली जाएगी।

loksabha election banner

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि निर्णय लेने के पूर्व शुक्रवार को मंत्रियों की बैठक फिर से बुलाई गई है। इसके पूर्व कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राशि आवंटित करने के पूर्व सरकार के पास आंकड़ों की सही जानकारी होना भी जरूरी है। इस बीच बिहार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने 7 लाख मजदूरों को आर्थिक राहत पहुंचा दी है। वहीं, उत्तर प्रदेश की सरकार भी साढ़े चार लाख मजदूरों के खाते में 50 करोड़ रुपये डाल चुकी है। 

राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण की राशि से मदद करें पड़ोसी राज्य

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण की ओर से संकट की ऐसी घड़ी में सहायता उपलब्ध कराई जाती है। बाहर में फंसे प्रवासी श्रमिकों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम करना हर सरकार की ड्यूटी है। इस संबंध में झारखंड सरकार दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात करेगी और जहां लोग फंसे हैं, उन्हें मदद उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी।

उन्होंने जानकारी दी कि 20 अप्रैल के बाद खेतीबारी और कृषि कार्य को लेकर व्यापक छूट दी जाएगी, इसके अलावा निकाय क्षेत्रों के बाहर निर्माण कार्य को भी मंजूरी दी जाएगी। साथ ही 20 अप्रैल से मनरेगा योजनाओं के काम भी प्रारंभ किये जाएंगे। इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम द्वारा आवश्यक राशि उपलब्ध करा दी गई है। ईंट भट्ठा में भी काम करने की छूट दी जाएगी, अन्य क्षेत्रों में भी छूट को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

2000 रुपये देने पर फंड का रोना

  1. आज फिर से बैठक कर अपनी अनुशंसा भेजेगी मंत्रियों की कमेटी, गुरुवार को निर्णय नहीं
  2. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा, हम कम से कम हर परिवार को एक हजार रुपये देने के पक्ष में
  3. दो हजार रुपये देने पर मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद लिया जाएगा फैसला, फिर फंड का रोना

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.