Coronavirus: रेलवे भी चपेट में, प्रीमियम ट्रेनें हुईं शाकाहारी; नाॅनवेज आर्डर 50% तक गिरा
Coronavirus का डर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों ने नॉन वेज तक खाना छोड़ दिया है। इसका असर ट्रेन यात्रियों के खानपान पर भी पड़ा है। राजधानी ट्रेनों में शाकाहार खाने वाले बढ़ गए हैं।
रांची, [शक्ति सिंह]। Coronavirus देश में अभी भले ही कोरोना पीडि़त मरीजों की संख्या कम हो, लेकिन संदिग्ध मरीजों के मिलने के बाद इसका डर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों ने नॉन वेज तक खाना छोड़ दिया है। इसका असर ट्रेनों में यात्रा करनेवाले यात्रियों के खानपान पर भी पड़ा है। रांची से दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस के खाने के ऑर्डर के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस में नॉन वेज खाने से यात्री अब परहेज कर रहे हैं। नौ जनवरी तक इस ट्रेन में प्रतिदिन औसतन 370 यात्री वेज और 330 नॉन वेज भोजन का ऑर्डर दे रहे थे। इसके बाद से ट्रेन में नॉन वेज खाने वालों की संख्या लगातार घटती गई।
Coronavirus रांची से दिल्ली जाने वाली और दिल्ली से रांची आने वाली ट्रेनों के कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो 17 जनवरी को दिल्ली-रांची एक्सप्रेस में 527 लोगों ने शाकाहार भोजन व 312 ने मांसाहार भोजन का ऑर्डर दिया। वहीं 25 जनवरी को ट्रेन संख्या 20839 (रांची-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस) में 500 लोगों ने शाकाहार व 300 लोगों ने मांसाहार का भोजन का ऑर्डर दिया। इसी तरह 27 जनवरी को 20840 (दिल्ली से रांची राजधानी एक्सप्रेस) में 519 लोगों ने शाकाहार व 240 लोगों ने मांसाहार खाया।
Coronavirus 9 फरवरी को ट्रेन नंबर 20840 में 581 लोगों ने मांसाहार खाया और 299 लोगों ने शाकाहार भोजन किया। 21 फरवरी को ट्रेन नंबर 20839 में 500 लोगों ने शाकाहार व 250 लोगों ने मांसाहार का सेवन किया। 22 फरवरी को यह आंकड़ा और बढ़ा और ट्रेन नंबर 20839 में 614 लोगों ने शाकाहार भोजन का ऑर्डर दिया और मांसाहार सिर्फ 221 लोगों ने खाया। पिछले डेढ़ महीने में रांची-नई दिल्ली-रांची राजधानी ट्रेन में शाकाहार खाने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। ट्रेन यात्रा के दौरान पहले भी लोग नॉनवेज खाने से परहेज करते थे, लेकिन कोरोना ने इस आंकड़े को और गिरा दिया है।
Coronavirus झारखंड में अभी तक कोरोना वायरस पीडि़त कोई मरीज नहीं मिला है। अभी तक संदिग्ध मरीज ही मिले हैं। वर्तमान में रिम्स में चार संदिग्ध मरीज हैं, जिनके सैंपल जांच को भेजे गए हैं। संख्या कम है। लेकिन इसका खौफ यह है कि सोशल मीडिया से लेकर वाट्सअप तक सिर्फ कोरोना को लेकर मैसेज चल रहा है। जिसका असर हर जगह दिख रहा है। लोग सड़कों पर मास्क लगाकर चल रहे हैं। उधर होली मिलन समारोहों पर भी कोरोना का असर है।