हम भी हैं मंत्री की रेस में... कांग्रेस में महिला विधायकों की दावेदारी किसी से कम नहीं
चारों महिलाएं पहली बार विधायक बनीं लेकिन सभी के पास मंत्रिमंडल में शामिल होने के मजबूत तर्क हैं। सभी रांची से लेकर दिल्ली तक की दौड़ में शामिल हैं पुरुषों से आगे इनकी दावेदारी है
रांची, राज्य ब्यूरो। मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए अनुभव अगर आधार माना गया तो कांग्रेस की महिला विधायकों में से किसी को मौका नहीं मिलेगा लेकिन इस बात को दरकिनार करते ही चारों की दावेदारी अपनेआप में मजबूत है। यही कारण है कि जहां कई पुरुष विधायक झारखंड में ही सिमटकर रह गए हैं, महिला विधायकों ने दिल्ली तक की दौड़ पूरी कर ली है और तमाम दरवाजे भी खटखटा लिए हैं। सूत्रों के अनुसार चारों विधायक अलग-अलग समय में दिल्ली में कांग्रेस के सीनियर नेताओं के समक्ष अपनी दावेदारी भी पेश कर चुकी हैं। इनके पैरवीकार भी दिल्ली में कैंप कर रहे हैं।
हेमंत कैबिनेट में फिलहाल कांग्रेस की ओर से एक महिला विधायक का नाम पहुंचना तय माना जा रहा है। लेकिन, जो तैयारियां हैं उसके हिसाब से दो पहुंच जाएं तो भी आश्चर्य की बात नहीं होगी। फिलहाल रामगढ़ विधायक ममता देवी को आरपीएन सिंह कैंप की पसंद बताया जा रहा है। मंत्रियों के नाम भी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन के माध्यम से ही मुख्यमंत्री तक पहुंचेंगे।
सूत्रों की मानें तो आजसू के कद्दावर नेता चंद्रप्रकाश चौधरी के गढ़ में उनकी पत्नी को हराने का ईनाम ममता देवी को मिल सकता है। महागामा से विधायक दीपिका पांडेय सिंह का नाम भी मंत्री बननेवाले विधायकों में शामिल हो रहा है। दीपिका राहुल गांधी कैंप में अपनी पकड़ रखती हैं। संताल परगना से कांग्रेस की एकमात्र महिला विधायक होने के कारण उनकी दावेदारी अधिक है। लेकिन संताल परगना से विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के रूप में कांग्रेस का एक मंत्री बन चुका है और इस कारण उनके नाम के साथ कुछ अड़चन है।
पूर्व मंत्री की पुत्री और बड़कागांव से विधायक अंबा प्रसाद भी मंत्रिपरिषद में स्थान पाने की प्रबल दावेदार हैं। इस इलाके में कांग्रेस को मजबूती देने के लिए अंबा को मजबूत करने की बातें कांग्रेसी कर रहे हैं। चौथा नाम है झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का। झरिया में दशकों बाद सिंह मेंशन के उम्मीदवार को हराकर पहुंची पूर्णिमा सिंह की दावेदारी भी किसी से कम नहीं है। वे धनबाद से एक मात्र विधायक भी हैं और सामान्य वर्ग से होने के आधार पर दावेदारी मजबूत है।