हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे... जाते-जाते इन पांच वरिष्ठों की खटिया खड़ी कर गए डॉ अजय
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने अपने इस्तीफे में पांच सीनियर नेताओं पर परिवारवाद का अारोप लगाते हुए बेटे-बेटियों के लिए टिकट के लिए लॉबिंग करने की बात कही है।
रांची, [जागरण स्पेशल]। झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार (Dr Ajoy Kumar) ने आखिरकार इस्तीफा दे ही दिया। बीते दिन उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। हालांकि, जाते-जाते उन्होंने सीनियर नेताओं की आगे की नेतागिरी में पूरी तरह पलीता लगा दिया है। हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे की तर्ज पर झारखंड कांग्रेस के पांच बड़े नेताओं पर उन्होंने बेहद गंभीर आरोप लगाए। ऐसे में अंदेशा है कि अब दो महीने बाद झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शायद ही ऐसे नेता और उनके बेटे-बेटियों को टिकट मिले। कम से कम इस मामले में इस्तीफा के खेल के जरिये डॉ अजय ने दूसरों का खेल जरूर खराब कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी में परिवारवाद की जमकर वकालत की जा रही है। उन पर नाहक ही वरिष्ठ नेता अपने बेटे-बेटियों को टिकट देने के लिए दबाव बना रहे थे। डॉ अजय ने सर्वाधिक गुस्सा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के खिलाफ निकाला। बीते दिनों रांची में कांग्रेस मुख्यालय में मारपीट के लिए उन्हें जिम्मेवार ठहराते हुए इसे घटिया हरकत बताया।
डॉ अजय कुमार ने जिन नेताओं पर वंशवाद के गंभीर आरोप लगाए हैं, उनमें ददई दुबे, सुबोधकांत सहाय, फुरकान अंसारी, रामेश्वर उरांव और प्रदीप बलमुचू शामिल हैं। ददई दुबे के बारे में कहा गया कि वे बोकारो से खुद के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, तो उन्हें बेटे के लिए पलामू से टिकट चाहिए। सुबोधकांत सहाय पर आरोप लगाया कि वे अपने भाई को हटिया से टिकट दिलवाना चाहते हैं।
फुरकान अंसारी) को निशाने पर लेते हुए डॉ अजय ने लिखा है कि उन्हें खुद के लिए महागामा से, बेटे के लिए जामताड़ा से और बेटी के लिए मधुपुर से टिकट चाहिए। वहीं प्रदीप कुमार बलमुचू को अपने लिए खूंटी से टिकट चाहिए, जबकि बेटी के लिए वे घाटशिला से कांग्रेस का टिकट चाहते हैं। रामेश्वरव उरांव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने लिखा है कि अब तक लड़े तमाम चुनाव हारने के बावजूद वे गुमला से टिकट सुनिश्चित करना चाहते हैं।
ट्विटर पर डॉ अजय कुमार के हैंडल से जारी किए गए चार पन्नों के त्यागपत्र में उन्होंने सीधे तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को निशाने पर लिया है। कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर काम करते हुए लगातार हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा। साथ ही अपनी ईमानदारी की वकालत करते हुए डॉ अजय ने लिखा है कि पार्टी को पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर तक मजबूत किया, जहां पहले कांग्रेस मौजूद नहीं थी। उन्होंने आलमगीर आलम का जिक्र करते हुए लिखा है कि वे उनके प्रतिष्ठित सहयोगी रहे हैं।
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