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भूख से किसी की मौत हुई तो शर्मनाक : हेमंत

रांची मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में भूख से किसी की मौत होती है तो यह शर्मनाक और दर्दनाक दोनों होगा। उन्होंने शुक्रवार को सभी उपायुक्तों (डीसी) व उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को सख्त निर्देश दिया कि राज्य में किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत नहीं होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 01:30 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 01:30 AM (IST)
भूख से किसी की मौत हुई तो शर्मनाक : हेमंत
भूख से किसी की मौत हुई तो शर्मनाक : हेमंत

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में भूख से किसी की मौत होती है, तो यह शर्मनाक और दर्दनाक दोनों होगा। उन्होंने शुक्रवार को सभी उपायुक्तों (डीसी) व उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को सख्त निर्देश दिया कि राज्य में किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत नहीं होनी चाहिए। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मनरेगा व ग्रामीण विकास विभाग की अन्य योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। शुक्रवार को 14 जिलों की समीक्षा हुई।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में किसी की मौत भूख से न हो, इसे सभी उप विकास आयुक्त गंभीरता से लें। इसके लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करना होगा। कहा कि राशन वितरण, दीदी किचन, मनरेगा व अन्य योजनाओं की समीक्षा करें। साथ ही, योजनाएं बढ़ाकर लोगों को रोजगार से जोड़ें। हेमंत सोरेन ने यह भी नसीहत दी कि इसमें बिचौलियों को जगह नहीं मिलनी चाहिए। कहा कि बिचौलियों के पास जॉब कार्ड होने की जानकारी मिली है। इसपर अविलंब रोक लगाएं। उन्होंने श्रमिकों को पारिश्रमिक का भुगतान भी समय पर करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य की महिलाएं किसी भी हाल में हाट-बाजारों में शराब की बिक्री नहीं करें, इसे सुनिश्चित किया जाए। उन्हें बलपूर्वक हटाने के बजाए रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने सभी उपायुक्तों को इसके लिए योजनाएं बनाने का निर्देश दिया। बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व अन्य विभागीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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मनरेगा कार्य में लगी मशीनों को करें जब्त :

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों के लिए मानसून के अनुरूप कार्य योजना तैयार करें, ताकि उन्हें बारिश के दौरान भी रोजगार से जोड़ा जा सके। स्किल्ड लोगों की भी पहचान करें, जिससे उन्हें उनके कौशल के अनुरूप उद्योगों, खनन, निर्माण व अन्य क्षेत्रों में रोजगार से जोड़ा जा सके। राज्य में जहा भी मनरेगा के तहत हो रहे कार्य में मशीन का उपयोग हो रहा हो, तो उस मशीन को जब्त करें। यदि मशीन से कार्य करते पकड़ा गया, तो पहली बार मे एक माह, दूसरी बार तीन माह और तीसरी बार छह माह मशीन को जब्त कर थाना में रखें। मुख्यमंत्री ने बताया कि धनबाद व देवघर से जेसीबी मशीन द्वारा कार्य कराने की अधिक शिकायत मिली है।

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20 हजार एकड़ में फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य :

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 20 हजार एकड़ गैर मजरुआ व रैयती भूमि पर सरकार ने बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य तय किया है। योजना के माध्यम से आने वाले समय में ग्रामीणों को उन फलदार वृक्षों का पट्टा देना है। योजना के तहत 'बागवानी सखी योजना' में महिलाओं के समूह को पाच एकड़ भूमि पर फलदार पौधा के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपकर आíथक स्वावलंबन सुनिश्चित करना है।

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काके डैम जैसी स्थिति न हो गेतलसूद डैम की :

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को विभिन्न राज्यों से लौटे श्रमिकों को निर्माण क्षेत्र के कार्य से जोड़ने का निर्देश दिया। कहा कि मनरेगा के तहत तालाब, छोटे जलाशयों एवं चेक डैम के निर्माण की योजना भी सरकार बना रही है। ताकि, भूमिगत जल की क्षमता में वृद्धि हो सके। मेड़ बनाकर वर्षा जल रोकने का भी निदेश मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को दिया। मुख्यमंत्री ने रांची उपायुक्त राय महिमापत रे से कहा कि राजधानी के काके डैम के कैचमेंट एरिया और ओरमाझी के गेतलसूद डैम में अतिक्रमण हो रहा है, उसपर अविलंब ध्यान दें। कहा कि गेतलसुद डैम की स्थिति काके डैम जैसी न हो।

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छह हजार बाहरी मजदूर लौटे, राज्य के प्रवासियों को दिलाएं काम :

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों से कहा कि विभिन्न उद्योगों में कार्यरत छह हजार मजदूर बाहर चले गए हैं। इन उद्योगों के प्रतिनिधियों से बात कर उनकी जगह पर वापस लौटे श्रमिकों को कार्य से जोड़ने का प्रयास करें। प्रति पंचायत 250-300 श्रमिकों को कार्य देने एवं 10 लाख श्रमिकों को कार्य उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निदेश दिया कि सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अधिक से अधिक श्रमिकों को कार्य में लगाएं। मात्र 350 रुपये में श्रमिक लेह-लद्दाख जाते हैं, उन्हें यहा भी काम दिया जा सकता है।

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