Jharkhand CM हेमंत सोरेन के सामने दी चुनौती, सरकार हिलाकर रख देंगे...
Jharkhand CM Hemant Soren के झारखंड विधानसभा में मौजूदगी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि शर्म आती है कि हमें अपनी सरकार में ही काम के लिए बात सुननी पड़ती है। समस्याओं का निदान न हुआ तो सरकार हिलाकर रख देंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand CM Hemant Soren झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने उनकी पार्टी के ही एक विधायक ने सरकार हिलाकर रख देने का दम भरा। झारखंड विधानसभा में सीएम की मौजूदगी के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि शर्म आती है कि हमें अपनी सरकार में ही काम के लिए लोगों की बात सुननी पड़ती है। उन्होंने चेताते हुए कहा कि लोगों की समस्याओं का निदान न हुआ तो वे सरकार हिलाकर रख देंगे। सोमवार को सत्तारुढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के तेवर बेहद तल्ख दिखे।
झारखंड विधानसभा में लोबिन जमकर गरजे। उन्होंने गोड्डा में 26 आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन संबंधित मामले में सरकार को जमकर घेरा। लोबिन हेम्ब्रम का आरोप था कि सेविका - सहायिका का चयन एक साल पहले हुआ, लेकिन उन्हें अबतक नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है। झामुमो विधायक ने कहा कि गोड्डा में डीसी-डीडीसी की मनमानी पहले की सरकार से ही चलती आ रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दो दिनों के भीतर इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस सरकार को हिलाकर रख देंगे।
इससे पहले जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम सोमवार को झारखंड विधानसभा के गेट पर ही धरना देने बैठ गए। जहां उन्होंने दो तरह की तख्तियां दोनों हाथों में पकड़ रखी थीं। एक तख्ती में लिखा था, 2019 में चयनित 26 आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को नियुक्ति पत्र प्रदान करो। वहीं दूसरी तख्ती में लोबिन ने डीसी-डीडीसी मनमानी करना बंद करो लिख रखा था। इधर सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद झामुमो के दूसरे विधायक मथुरा महतो ने स्पीकर रबींद्र नाथ महतो से उन्हें हाउस में लाने का आग्रह किया।
जिसके बाद विधानसभाध्यक्ष के निर्देश पर कृषि मंत्री बादल और भाजपा विधायक विरंची नारायण लोबिन हेम्ब्रम को मनाकर सदन में ले गए। यहां आते ही लोबिन जनता की समस्याओं के मामले उठाते हुए खूब गरजे। लोबिन ने कहा कि उनके क्षेत्र की जनता आक्रोश में है। वे बैनर-तख्ती लेकर रांची से गोड्डा तक पैदल मार्च निकालेंगे, डुगडुगी बजाएंगे। भले ही सरकार उनकी बात को न सुने, वे अफसरों की मनमानी किसी सूरत में नहीं चलने देंगे।