Move to Jagran APP

Jharkhand News: हताश हुए हजारों युवा, प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण नहीं मिलेगा; जानें विस्‍तार से

Hemant Soren Jharkhand News झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के हालिया एलान के बावजूद स्‍थानीय युवओं को झारखंड के निजी क्षेत्र में 75 फीसद आरक्षण वाला विधेयक विधानसभा से पास नहीं हो सका। अब इसे प्रवर समिति को भेजने का निर्णय लिया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 10:58 PM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 08:06 PM (IST)
Jharkhand News: हताश हुए हजारों युवा, प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण नहीं मिलेगा; जानें विस्‍तार से
Hemant Soren, Jharkhand News: झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन।

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren, Jharkhand News आज हजारों युवा हताश हो गए। झारखंड विधानसभा में राज्य के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विधेयक-2021 पास नहीं हो सका। यह विधेयक निजी क्षेत्रों में 75 फीसद आरक्षण लागू करने के लिए तैयार किया गया था। इस विधेयक में कई बिंदुओं पर संशोधन के पक्ष में विपक्ष व सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने बहुमत दिखाई। सबने कहा कि राज्य सरकार का यह विधेयक राज्य हित में है, लेकिन इसमें कई बिंदुओं पर संशोधन इसलिए जरूरी है, ताकि कंपनियां कहीं से भी मुकरने की स्थिति में न रहें।

loksabha election banner

सदन में मौजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विधेयक स्थानीय लोगों से संबंधित है। पक्ष व विपक्ष ने करीब 22-23 बिंदुओं पर संशोधन की मांग की है, इसलिए यह विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाएगा, ताकि कोई भी कमी न रह जाए। इस विधेयक में विधायक प्रदीप यादव ने कंपनी अधिनियम 1956 को जोड़ने पर जोर दिया था, ताकि कोई भी कंपनी राज्य के स्थानीय उम्मीदवार को छोड़ने न पाए।

नौकरियों में जाति भेद व तकनीकी व गैर तकनीकी का तर्क देकर नौकरी नहीं देने का बहाना नहीं बना सके। विधायक अमित मंडल ने विधेयक में कंपनियों की प्रकृति लिखने का भी जिक्र किया कि वह लिमिटेड, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है या नहीं। विधायक अमर कुमार बाउरी ने इस विधेयक को राइट टू एजुकेशन की तरह नहीं बनाने का आग्रह किया था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने प्रवर समिति को भेजने की अनुशंसा की।

बिजली बिल कुछ महंगा होगा, 750 करोड़ कमाई बढ़ेगी सरकार की

विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के अंतिम दिन तीन विधेयक पास हो गए। इनमें झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक-2021, झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक-2021 व श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक-2021 शामिल हैं। पक्ष-विपक्ष के तर्क-वितर्क के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने यह घोषणा की। झारखंड विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक-2021 पर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने आपत्ति जताई थी कि यह विधेयक गरीबों के हित में नहीं है।

इसपर मंत्री रामेश्वर उरांव ने दूसरे राज्यों के कर का हवाला देते हुए बताया कि झारखंड का विधेयक बेहतर है। इससे राज्य सरकार को 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी आएगा। दरअसल, पूर्व में 100 रुपये तक के बिल पर सरकार 2 फीसद अतिरिक्त नेट शुल्क वसूलती थी। इस शुल्क को बढ़ाकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 6 प्रतिशत कर दिया गया, 10 एमवीए तक इस्तेमाल करनेवाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 8 प्रतिशत तो 10 एमवीए से अधिक इस्तेमाल करनेवाले औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 15 प्रतिशत किया गया है। सिंचाई एवं कृषि कार्यों के लिए बिजली पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।

झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक-2021 पर मंत्री चंपाई सोरेन ने बताया कि सीएनटी, एसपीटी एक्ट को ध्यान में रखकर ही, रैयतों को सुविधा देने आदि पर विचार के बाद ही यह विधेयक तैयार किया गया है। इसके अनुसार शहर से दो किमी एरिया अधिग्रहण पर सहमति लेने के बाद विकास कार्य किए जाएंगे। श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक 2021 के तहत एक नए प्राइवेट विश्वविद्यालय की स्थापना को अनुमति दी गई है। कुछ सदस्‍यों ने इससे संबंधित बिल समय पर उपलब्‍ध कराने की बात कही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.