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Jharkhand: हजारों लोग मरे, अब बना कोविड कंट्रोल सेल; गांवों को बचाने में जुटी सरकार, ताबड़तोड़ फैसले...

Jharkhand News झारखंड में कोरोना संक्रमण से हजाराें लोगों के मरने के बाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कोविड कंट्रोल सेल बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह इसके समन्वयक बनाए गए हैं। गांवों को संक्रमण से बचाने को टास्क फोर्स बनाया गया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 06:19 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 06:22 AM (IST)
Jharkhand News: झारखंड में कोरोना से हजाराें लोगों के मरने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोविड कंट्रोल सेल बनाया।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News गांवों में भी कोरोना संक्रमण की बात सामने आने के बाद राज्य सरकार गांवों को इससे बचाने में जुट गई है। राज्य सरकार ने गांवों में संक्रमण की रोकथाम तथा मरीजों को उचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है। साथ ही गांवों में कोरोना की व्यापक जांच अभियान चलाकर मरीजों की पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

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अपर मुख्य सचिव ने गांवों में कोरोना की जांच, आइसोलेशन सेंटर की स्थापना, मरीजों के समुचित उपचार, जागरुकता को लेकर सभी उपायुक्तों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इस कार्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारियों की अध्यक्षता में प्रखंड कोविड टास्क फोर्स का गठन करने को कहा है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रैपिड एंटीजन टेस्ट जांच सुनिश्चित करने को कहा है। इसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिका एवं बहुद्देश्यीय कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर लगाया जाएगा। इन्हें होम आइसोलेशन किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि उनके क्षेत्र में इस प्रकार के संक्रमण की सूचना प्राप्त होते ही प्रारंभिक चिकित्सा आरंभ की जा सके।

अपर मुख्य सचिव ने प्रत्येक पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के दो-दो दल गठित की करने को कहा है जिसमें से एक दल कोरोना की जांच करेगा तथा दूसरा दल संभावित मरीजों की पहचान करेगा। इन कार्यों में वैसे कर्मी ही लगाए जाएंगे जिनका दोनों डोज का टीकाकरण हो चुका है। पंचायत स्तरीय जांच दल को रैपिड एंटीजन टेस्ट किट, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल गन आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव ने पंचायत अंतर्गत अवस्थित गांवों में संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए प्राथमिकता तय करते हुए जांच रोस्टर तैयार करने को कहा है। जांच टीम जांच के दौरान कोरोना के लक्षण होने पर तुरंत जांच करवा कर समुचित इलाज के लिए चिकित्सीय परामर्श की व्यवस्था भी करेगी।

प्रखंड कोविड टास्क फोर्स में ये अधिकारी रहेंगे शामिल

  • - प्रखंड विकास पदाधिकारी या अंचल अधिकारी : अध्यक्ष
  • - प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी : सदस्य सचिव
  • - बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, थाना प्रभारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक-जेएसपीएलएस, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी तथा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी : सदस्य

किसी घर में मृत्यु होने पर सभी सदस्यों की हो जांच

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा है कि यदि किसी के घर में किसी कारणवश मृत्यु की सूचना प्राप्त होती है तो उस घर के सभी सदस्यों की कोरोना जांच की जाए। जांच के क्रम में पॉजिटिव पाए गए सभी मरीजों को चिकित्सा अधिकारी के परामर्श पर आइसोलेशन सेंटर या अस्पताल में भर्ती किया जाए। होम आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों को सहिया के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराए जाएंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी और एएनएम होम आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों का हाल जानेंगे तथा आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक से परामर्श लेकर अस्पताल में भर्ती करने पर निर्णय लेंगे।

यहां व्यापक जांच अभियान चलाने के निर्देश

प्रखंड स्तरीय सभी स्वास्थ्य केंद्र, स्थानीय हाट बाजार, प्रखंड कार्यालय आदि। इन सभी जगहों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट बूथ स्थापित कर सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक कोरोना जांच की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी

ये भी दिए गए हैं निर्देश

  • - प्रत्येक प्रखंडों में जनसंख्या के आधार पर तीन से पांच आइसोलेशन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
  • - इन केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में पल्स ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, मास्क सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • - इनमें पौष्टिक आहार, विद्युत आपूर्ति, जेनरेटर, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था हो।
  • - प्रतिदिन चिकित्सकों द्वारा प्रत्येक प्रत्येक आइसोलेशन केंद्रों में रखे गए मरीजों की की विधिवत जांच की जाएगी।
  • - इनमें पर्याप्त संख्या में एएनएम, पारा मेडिकल स्टाफ आदि की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
  • - प्रत्येक आइसोलेशन सेंटर को एक एंबुलेंस रहेगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर संक्रमित मरीज को बेहतर चिकित्सा हेतु अस्पताल पहुंचाया जा सके।
  • - सभी केंद्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल या जिला अस्पताल से टैग कर एक नोडल चिकित्सा पदाधिकारी को नामित किया जाएगा।
  • - प्रतिदिन राज्य मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

केंद्र सरकार ने दिए एक लाख छह हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन

केंद्र सरकार ने कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए एक लाख छह हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि ये इंजेक्शन 21 अप्रैल से 23 मई तक के लिए हैं। साथ ही कहा है कि उचित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए ये इंजेक्शन सरकारी व निजी अस्पतालों को दिए जाएं। यदि अधिक इंजेक्शन की आवश्यकता है तो संबंधित कंपनियों से क्रय करने का भी सुझाव दिया है।

सीएम हेमंत के निर्देश पर गठित हुआ कोविड कंट्रोल सेल

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कोरोना की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर कोविड कंट्रोल सेल का गठन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह इसके समन्वयक बनाए गए हैं। वहीं, नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह, निदेशक रिम्स डा. कामेश्वर प्रसाद इसके सदस्य तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के निदेशक सदस्य सचिव बनाए गए हैं।

अन्य सदस्यों में मेडिकल अस्पताल के प्रबंधन निदेशक, मेदांता अस्पताल के प्रबंधन निदेशक तथा होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, रांची के सचिव डा. राजीव कुमार शामिल हैं। इस सेल की बैठक प्रत्येक सप्ताह समन्वयक के आदेश पर होगी। इस सेल का संचालन आरसीएच, नामकोम से किया जाएगा। 


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