Jharkhand: सीएम हेमंत ने मैनहेर्ट घोटाले में एसीबी जांच के दिए आदेश, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भ्रष्टाचार का है आरोप, जानिए पूरा मामला
Manhart Scam मैनहेर्ट घोटाले की एसीबी जांच होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके आदेश दे दिए हैं। रांची शहर के सीवरेज ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास व अन्य पर अनियमितता भ्रष्टाचार एवं षड्यंत्र का आरोप है।
रांची (राज्य ब्यूरो) । रांची शहर के सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में घोटाले की जांच अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगा। इस घोटाले का आरोप पूर्व नगर विकास मंत्री रघुवर दास व अन्य पर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसीबी को यह आदेश दिया है कि मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में की गई अनियमितता, भ्रष्टाचार व षड्यंत्र के इस मामले में झारखंड विधानसभा के सदस्य सह सामान्य प्रयोजन समिति के सभापति सरयू राय की शिकायत व उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज कर जांच करें।
पूर्व मंत्री सरयू राय ने मैनहर्ट घोटाले के इस मामले में दो माह पूर्व ही 18 बिंदुओं पर घोटाले की पूरी घटना को विस्तार से लिखते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में लिखित शिकायत कर जांच की मांग की थी। उनका आरोप था कि एक साजिश के तहत सरकारी खजाने से गलत तरीके से करोड़ों रुपये निकाले गए हैं। उनके आवेदन के आधार पर एसीबी ने सरकार से पत्राचार कर मामला दर्ज करने के लिए अनुमति की मांग की थी। दो माह बाद मुख्यमंत्री ने अनुमति देते हुए जांच का आदेश दे दिया है।
क्या है मैनहर्ट घोटाला
रांची के सिवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति एक साजिश के तहत की गई थी। इसमें योग्यता नहीं रखने वाली कंपनी मैनहर्ट को चुना गया था। इससे पूर्व तत्कालीन नगर विकास सचिव ने तत्कालीन विभागीय मंत्री रघुवर दास के सामने यह प्रस्ताव दिया था कि टेंडर को रद कर नया टेंडर निकाला जाय। इस प्रस्ताव को तत्कालीन विभागीय मंत्री ने खारिज कर दिया था और उसी निविदा पर चयन करने का आदेश जारी किया था।
शिकायत यह भी है कि मैनहर्ट के नाम पर जो टेंडर रांची के सिवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने के लिए डाला गया था वह असली मैनहर्ट सिंगापुर की नहीं, बल्कि इसके लिए भारत में ही इस नाम का संस्थापक बनाकर टेंडर डाल दिया गया था।